1. ग्रहण किसे कहते हैं
हिंदी में एक मुहावरा प्रचलित है___
'ग्रहण लग जाना' अर्थात किसी का बुरा दिन आ जाना।
सौर मंडल में भी ग्रहण लगते हैं।
.सूर्य ग्रहण और
.चंद्र ग्रहण
एक ग्रह जब किसी दूसरे ग्रह के स्वाभाविक आकर्षण को हर लेता है तब खगोलीय भाषा में इसे ग्रहण कहते हैं।
एक होता है आंशिक जिसमें सूर्य या चंद्रमा का एक अंश मात्र कुछ समय के लिए दूसरे ग्रह से ढक जाता है। दूसरा होता है पूर्ण ग्रहण। इस काल में पूरा ग्रह दूसरे की छाया में आ जाता है और अचानक धरती पर अंधेरा छा जाता है। आकाश में तारे भी नज़र आने लगते हैं।
2. सूर्य ग्रहण की परिभाषा
सौर मंडल में जब चांद , पृथ्वी और सूरज के बीच से गुजरता है तब चांद के पीछे सूर्य कभी आंशिक रूप से तो कभी पूर्ण रूप से ढक जाता है। ऐसी अवस्था में सूरज की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती है।
3. सूर्य ग्रहण कब होता है?
सूर्य ग्रहण अमावस के दिन होता है।
4. अमावस को ही क्यों सूर्य ग्रहण होता है?
यह एक खगोलीय घटना है। जिस अमावस पर सूरज और चांद एक ही अंश पर हों और उनका सीधा संबंध राहु और केतु नामक पिंड से बन जाए, तब उस अमावस पर सूरज का ग्रहण लग जाता है।
___आंशिक सूर्य ग्रहण:-
a. जब चांद, सूरज और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, सूरज का कुछ हिस्सा चांद से ढक जाता है तब उस स्थिति कोआंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं।
b. पूर्ण सूर्य ग्रहण:-
जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और सूरज चांद की छाया से पूरी तरह ढक जाता है तब पूर्ण सूर्य ग्रहण लगता है।
5. सूर्य ग्रहण का महत्व
हिंदू धार्मिकता के आधार पर सूर्य ग्रहण को बहुत महत्वपूर्ण समझा जाता है। हालांकि ग्रहण के समय सूर्य की किरणों को अशुभ माना जाता है इसीलिए हिंदू धार्मिकता का संज्ञान रखने वाले लोग कोई भी शुभ कार्य, ग्रहण के समय नहीं करते हैं। उस समय खाना बनाना वर्जित माना जाता है और पहले से बने खाद्य पदार्थ पर तुलसीदल रखा जाता है।
6. जड़-चेतन पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव
a. गांव में मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को सोने न दिया जाय।उस दिन उन्हें चाकू से किसी भी चीज़ को काटना मना होता है। मान्यता है कि इस नियम का पालन न करने से बच्चा जनम लेने से होंठ कटा होता है।
दूसरी मान्यता जड़ पदार्थ को लेकर भी है। जब कोई फल का वृक्ष। बांझ हो जाता है तब सूर्य ग्रहण के दिन उसपर आरी चलाया जाता है तब कोई दूसरा व्यक्ति मना करता हुआ कहता है___"इस पेड़ को मत काटो, बहुत जल्द ही यह बांझ वृक्ष फल देने लगेगा।"
(यह मानी हुई बात है और मैंने स्वयं इस परिणाम को फलीभूत होते देखा है। मेरी अपनी राय है।)
7. ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का अपना अलग महत्व है।
सूर्य ग्रहण किन किन राशियों पर शुभ फल प्रदान करता है और किन राशियों पर अशुभ प्रभाव डालता है, यह ज्योतिषाचार्यों का अपना अलग विषय है।
8. 2024 में कब सूर्य ग्रहण होगा?
इस साल 8 अप्रैल को पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। लेकिन भारत में यह दृश्य नहीं होगा।
यह सूर्य ग्रहण western Europe, Atlantic, Mexico, North America, Canada,South America, Ireland आदि देशों में दिखाई देगा।
इस बार का सूर्य ग्रहण बहुत ही अद्भुत दृश्य लेकर आएगा और इसकी अवधि 5 घंटे 25 मिनट होगी।
यह पूर्ण सूर्य ग्रहण इसके पहले आखिरी बार 1970 में दिखा था। अब 54 साल बाद 8 अप्रैल 2024 को दिखेगा। अगली बार पूर्ण सूर्य ग्रहण 2078 में होगा।
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