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रविवार, 26 मई 2024

PLANETARY ALIGNMENT-June 2024

 Planetary Alignment अर्थात्  ग्रहों का संरेखण



• संरेखण किसे कहते हैं ?


एक ही रेखा में किसी भी वस्तु  को एक सीधी रेखा में होना या आना। इस प्रक्रिया को संरेखण कहते हैं। अगर गणितीय भाषा में समझें तो किसी भी System चार संरेखण होते हैं।
Left, right ,proper और center.
__जैसे किसी भी गाड़ी का  servicing करने से अंत में उसके पहिये की दूरी का संरेखण (alignments) करते हैं जिससे पहिये का संरेखण ठीक हो और सही दिशा में चले।

__अब जानें ग्रहों का संरेखण क्यों होता है ?
अंतरिक्ष में जो ग्रह (Planet) है सब अलग-अगल गति और दूरी से सूरज की परिक्रमण  करते हैं।
__अंतरिक्ष में 1000 एक अजीब संयोग बनने जा रहा है।
__3 June 2024 को लोग छः ग्रहों को एक Line में देख सकेंगे।


संरेखित ग्रह का नाम इस प्रकार हैं-
1.बुध (Mercury), 2.मंगल (Mars),
3.बृहस्पति (Jupiter), 4.शनि ( Saturn)
5. यूरेनस (Uranus) 6.नेप्च्यून (Neptune)

चित्र: vajiramandravi.com के सौजन्य से

*ज्ञात हो कि ऊँच शक्ति वाली दूरबीन हे ही देखा जा सकता है। वास्तव में ग्रहों का संरेखण अति दूर से एक झिलमिल परिदृश्य है।
अंतरिक्ष में तरह-तरह की धटनाएं धटित होती रहती है।
हम पुराण कथाओं में पढ़ते आए हैं कि फलां ग्रह में ऐसा हुआ, फलां ग्रह मेंज वैसा हुआ। लेकिन अंतरिक्ष का समुचित ज्ञान न होने के कारण हमारे लिए पुराण की कथाएं
महज एक मनोरंन के साधन बनके रह गए हैं।
आज डिज़िटल की क्रांतिकारी युग में हमें Internet के जरिए घर बैठे सब प्रकार का ज्ञान प्राप्त हो जाता है।
मैं नेट ही  https://www.providencejournal.com/digital magazine में पढ़ा था कि 3rd June 2024 को अंतरिक्ष में ग्रहों का संरेखण (Planetary Alignment) होने वाला है।

चूंकि मेरा प्रिय Subject है मैं ने पूरा लेख पढ़ा। लेख बहुत ही दिलचस्प है।
ग्रह संरेखण से संबंधित शिव पुराण में कथा हो-
भगवान शिव का ज्येष्ठ पुत्र  स्वामी कार्तिकेय, तारकासुर नामक राक्षस को वध कर दिया था।
तारकासुर के तीनों पुत्रों  ने प्रण किया कि वे अपने पिता का बदला जरूर लेंगे।
वे एक हज़ार वर्ष तक ब्रम्हा की तपस्या की। ब्रम्हा प्रसन्न होकर उनसे वर मांगने को कहा।
वे अमर होने का वरदान मांगे।ब्रम्हा ने कहा-
"ये प्रकृति के खिलाफ है। तुम लोग कोई और वरदान मांगो।"
तब तीनों भाइयों ने मांगा-
"हमारे लिए अलग-अगल  ग्रहों में एक एक महल बनवाईये। हम उसी में वास करेंगे, लेकिन ग्रह लगातार चलायमान होनी चाहिए। जब एक हज़ार साल बाद हमारे ग्रह का संरेखण होगा तब अगर किसी देवता में सामर्थ्य हो तो वे एक ही बाण से तीनों लोकों को छेद सकते हैं।"
ब्ररहम्हा ने अस्तु कहा और अंतर्धान हो गये।
तीनों भाई बहुत खुश हुए क्यों कि उनकी समझ में यह काम बहुत बड़ा ( task) था और असम्भव था।
ब्रम्हा ने मयदानव को आदेश दिया कि तुम तीनों भाइयों के लिए  अलग-अगल ग्रह में सोने,चांदी और लोहे के महल बनवा दो
मयदानव ने सबसे बड़े (तारकक्ष) के लिए सोने का,
मझले(कमलाक्ष) का चांदी का और सबसे छोटे
(बिद्युन्माली) का लोहे का महल बना दिया।
तीन भाई अपने अपने लोक में रहकर उत्पात मचाने लगे। देवताओं को तरह-तरह के कष्ट पहुँचाते । तीनों लोकों को अपने अधिकार में कर लिये।
देवता हैरार परेशान शिव जी के शरण में गये और अपनी विवशता सुनाए।

शिव जी को ग्रहों के संरेखण का ज्ञान। उन्होंने देवताओं को आश्वासन दिये और निश्चित समय का इंतजार करने लगे।
शिव ने एक दिव्य  रथ का निर्माण किया।रथ की हर एक वस्तु देवताओं से बनी।
सूर्य और चंद्र रथ के पहिये बने।




रथ के घोड़े क्रम से इंद्रदेव, वरुण देव,यमराज, कुबेर बने।
हिमालय धनुष और शेषनाग प्रत्यंचा बने।
शिव स्वयं बाण बने। तीनों भाइयों के साथ  घोर युद्ध हुआ।
आखिर एक तीन तीनों भाइयों का ग्रह एक सीध में रेख में गा गये।
शिव जी ने एक ही बाण से नीनों को छेद दिया।

कभी कभी कहानी-कथा हकीकत की दुनीया से कैसे मेल खाते हैं।
अधिक जानकारी के लिए hindi.webdunia.com  में जाएं।













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मंगलवार, 30 मार्च 2021

Blue Heaven

When the summer's sun heats everywhere
A little home of white clouds tempted somewhere in the naked sky,
Blue  sea stretched far ___to the Horizon
However ____
The sky and the sea have dissolved themselves in a glass of sorbet.

I would like to found myself in such a tropical dream Island.

सोमवार, 29 मार्च 2021

every morning

Every morning/ हर सुबह 




'Every morning 🌄 हर सुबह....!
हवा में एक खुशबू आती है...!
ताज़े फूलों की...!
जो मेरे रंघ्रों से गुज़र कर...!
मेरे वजूद पर छा जाती है...‍!.

जब मैं हँसती हूँ...
मुस्काती हूँ सूर्यकिरणों के संग
तब-
अपनी राह भूल कर
तितलियों भी उड़्ती है...!
मेरे आसपास....!!





भँवरे ठिठक कर रूक जाते हैं...!
गुनगुनाते हैं....
रसीले गान...शहद में डूबे...!
लेकिन-
उसके हाव-भाव से
आती है सौदे की बू...!!

होती है शाम...!
लेकिन हवा में वह खूशबू नहीं होती...!
क्योंकि-
भँवरे और कुछ जंगली फूलों के-
होते हैं हवा में षड्यंत्र...!!


Every morning हर सुबह 
एक लम्बा वक्त तय कर....!
मुझे होती है प्रतीक्षा....!
एक नयी सुबह की...!!.

Every morning हर सुबह
बदल जाती है
मेरी प्रतीक्षा कभी-
एक अंतहीन पीड़ा में-
निहारती है मेरी आँखें...
एक क्षितिज, झिलमिल 

Every morning हर सुबह
मेरे कदम चल पड़ते हैं...!
एक अंजान सफ़र की ओर...!
उस खूशबू की खोज में...
निरंतर
जो हर पल दूर हटती जाती है मुझसे-
__कुंती.

रविवार, 7 मार्च 2021

Leaf falling/पत्तों का झरना

                     
                       Leaf Falling/ पत्तों का झरना





Leaf falling/ पत्तों का झरना

वक़्त  के  थपेड़े खाने  के  लिए 

पतझड़  की तरह रात गयी।
रह गये खड़े नंगे बदन
पेड़ और तने  ।





Leaf Falling/ पत्तों का झड़ना

बात  गली गली ठहर गयी
मौसम फिर लौट आएगा। 
सूखी जड़े पनप जाएंगी
शाख़ो पर नयी कली पत्ते निकल आऐंगे।
और_____

प्रकृति परिधान बदलती हुई
बदलती जाएंगी ____तारीख पर तारीख। 


Eclipse,EarthDay

Breastfeeding week

                                                                           Breastfeeding Week                     LogoWBW2024 Cedit: Google ...