Swami Vivekanand Rock Memorial
Photo Credit :PinterestKanyakumari, Tamil Nadu, South India.
KANYAKUMARI जिसे Cape of Comorin से भी जाना जाता है।
यह प्रायद्विपीय (Peninsular)भारत के दक्षिणी छोर पर है।
KANYAKUMARI तीन समुद्रों का मिलन बिंदु है।
( अरब सागर, हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी)
इस स्थान को त्रिवेणी का संगम कहा जाता है।
KANYAKUMARI का मुख्य आकर्षण समुद्र में दो जुड़वां चट्टानें हैं (twin rocks)हैं।
यहां की चट्टानें लक्षद्वीप सागर से घिरी हुई है। यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत रंगों का मिश्रण है। यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त जैसे जीवन और मृत्यु का अमर संदेश देता हो।
यह चट्टानें भूमि-तट से लगभग 500mtrs की दूरी पर है।
एक चट्टान Swami Vivekananda Memorial Rock
के नाम समर्पित है और दूसरी चट्टान पर अमर कवि
तिरूवल्लुवर की 95फीट प्रतिमा अपनी पूरी गरिमा के साथ
स्थित है।
Vivekanand Rock Memorial
स्वामी विवेकानंद का संक्षिप्त परिचय
4July 1902 को उन्होंने महासमाधि धारण कर महाप्रयाण की यात्रा पर चल दिए थे।
उनकी आयु तब मात्र 39 वर्ष की थी। उनकी समाधि हावड़ा में हुबली नदी के तट पर बेलूर मठ में है।
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12Jan, 1863 को हुआ था।
उनका मूल नाम था- नरेंद्रनाथ दत्त।
उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता का नाम
भुवनेवश्वरी था।
स्वामी विवेकानंद की शिक्षा ईश्वरचंद्र विद्यासागर के मेट्रोपॉलिटन इंस्टीट्यूट में हुई थी।
उनकी शिक्षा का मुख्य विषय संगीत,साहित्य और दर्शन था।
1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से अमेरिका (शिकागो में) वे सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किये थे।
1897 में 1rst मई को उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी।
उन्होंने अपना पूरा जीवन अपने गुरूदेव रामकृष्ण परमहंस को समर्पित कर चुके थे।
Swami Vivekanand की वक्तृता के कारण ही अमेरिका और यूरोप में भारत की आध्यात्मिकता और वेदान्त दर्शन पहुंचा।
1892 में स्वामी विवेकानंद कन्याकुमारी आये थे। इस जगह से अभिभूत होकर वे कन्याकुमारी के तट से तैर कर
(Twin rock) तक पहुँचे थे।
स्वामी विवेकानंद तीन दिन और तीन रात टापू के चट्टान पर बैठकर ध्यान लगाए थे। वही से उनको जीवन का लक्ष्य और लक्ष्य की प्रप्ति का ज्ञान प्राप्त हुआ था।
इस स्थान को (श्रीपद पराई ) के नाम से जाना जाता है और इसको बहुत पवित्र माना जाता है क्योंकि प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इसी स्थान पर (पार्वती) कन्याकुमारी ने तपस्या की थी।
1963 में स्वामी विवेकानंद की जन्म शताब्दी के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) कार्यकर्ता
एकनाथ रानाडे की देखरेख में Vivekanand Rock Memorial कमेटी ने यह स्मारक बनवाया था।
2nd Sep,1970 को भारत के तत्कालीन
राष्ट्रपति डा. वी. वी. गिरी ने तमिलनाडु के तत्कालीन्
मुख्यमंत्री करुणानिधि की अध्यक्षता में आयोजित एक विशाल समारोह में Vivekanand Rock का उद्घाटन हुआ था।
Swami Vivekanand के अनमोल विचार:-
• उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।
• ब्रह्मांड की सभी शक्तियां हमारे अंदर हैं। यह हम ही है जिन्होंने अपनी आंखों के सामने हाथ रखा है और रोते हुए कहा कि अंधेरा है।
• पढने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान, ध्यान से ही हम इंद्रियों र संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं।
विशेष:-
ज्ञात हो कि Youth Day 1984 में UNO ने अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा की थी। बाद में हर साल
12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती पर राष्ट्रीय युवा
दिवस मनाने का निर्णय भारत सरकार ने लिया।
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