CORAL REEF _अर्थात् प्रवाल भित्ति
प्रवाल को आम भाषा में जिसे मूँगा कहते हैं।यह एक चूना प्रधान जीव है।बाहरी रूप से ये सख्त होते हैं मगर भीतर एक मुलायम जीव पलता है।
मूँगा जो लाखों -करोड़ों की संख्या में पाए जाते हैं, एक ही जगह पर आपस में सामूहिक रूप से जुड़े रहते हैं। जब एक मूँगा मरता है तो उसी के ऊपर कोई दूसरा प्रवाल विकसित हो जाता है।इसकी टहनियां और शाखाएं निकल आती हैं।
प्रवाल जो आनुवांशिक और समान रूप से बने होते हैं जिसे वैज्ञानिक भाषा में Polyps कहते हैं।
प्रवाल मुख्य रूप से Tropical सागरों में 30°N से 30°S Latitude के बीच पाए जाते हैं। इसका कारण है कि इनको पनपने के लिए 20°से 21°C तापमान उपयुक्त होता है।
प्रवाल को जिन्दा रहने के लिए सूर्य का प्रकाश और Oxygen चाहिए इसीलिए ये कम गहराई में पाए जाते हैं। अधिक गहरा समुद्र इनके लिए उपयुक्त नहीं होता है.
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प्रवाल भित्ति कैसे बनते हैं?
प्रवाल भित्ति अर्थात् मूंगे की चट्टानें__
मूंगा मरने के उपरांत, चूंकि इसकी संख्या सैंकड़ों में होती हैं, एक सख्त चूने की चट्टान में तब्दील हो जाती हैं जो Calcium Carbonet द्वारा बनती जाती हैं।
साधारण भाषा में इसे मूंगे की दिवार अर्थात इसे ही प्रवाल भित्ति Reef कहा जाता है।
प्रवाल भित्ति में कितने रंग दिखते हैं?
वेव रंग अधिकतर बेंगनी, नीले, हरे या लाल रंग में प्रतिबिंबित होते हैं।
कई मूंगे अधिक चमकीले दिखाई देते हैं। जीवित मूंगे का हरा रंग शैवाल(समुद्री काई) से प्राप्त होता है।
प्रवाल द्वीप किसे कहते हैं?
मूँगा एक तरह से एक ही जगह पनपने वाले जीव होने के कारण इनकी वंशवृद्धि जल्दी-जल्दी होती है। इनका समूह एक ठूंठ की तरह बढ़ता चला जाता है जिनकी शाखाएं भी निकली होती है और ये एक दूसरे पर पटते चले जाते हैं। यह एक द्वीप का आकार ले लेता है। जिसे प्रवाल द्वीप कहा जाता है।
प्रवाल द्वीप कहां-कहां पाए जाते हैं?
प्रवाल भित्ति कैसे बनते हैं?
प्रवाल भित्ति अर्थात् मूंगे की चट्टानें__
मूंगा मरने के उपरांत, चूंकि इसकी संख्या सैंकड़ों में होती हैं, एक सख्त चूने की चट्टान में तब्दील हो जाती हैं जो Calcium Carbonet द्वारा बनती जाती हैं।
साधारण भाषा में इसे मूंगे की दिवार अर्थात इसे ही प्रवाल भित्ति Reef कहा जाता है।
प्रवाल भित्ति में कितने रंग दिखते हैं?
वेव रंग अधिकतर बेंगनी, नीले, हरे या लाल रंग में प्रतिबिंबित होते हैं।
कई मूंगे अधिक चमकीले दिखाई देते हैं। जीवित मूंगे का हरा रंग शैवाल(समुद्री काई) से प्राप्त होता है।
प्रवाल द्वीप किसे कहते हैं?
मूँगा एक तरह से एक ही जगह पनपने वाले जीव होने के कारण इनकी वंशवृद्धि जल्दी-जल्दी होती है। इनका समूह एक ठूंठ की तरह बढ़ता चला जाता है जिनकी शाखाएं भी निकली होती है और ये एक दूसरे पर पटते चले जाते हैं। यह एक द्वीप का आकार ले लेता है। जिसे प्रवाल द्वीप कहा जाता है।
प्रवाल द्वीप कहां-कहां पाए जाते हैं?
Pacific Ocean,Atlantic Ocean,और Indian Ocean के Eastern Region के महाद्वीपों में प्रवाल भित्ति अधिक पाए जाते हैं।
जैसे__Australia, Indonesia, Philippines, Papua, New Guinea, Fiji, और Maldives Islands.
भारत के सागरों में___
1 Lakshadweep
जैसे__Australia, Indonesia, Philippines, Papua, New Guinea, Fiji, और Maldives Islands.
भारत के सागरों में___
1 Lakshadweep
2. Gulf of Kutch.
3. Gulf of Mannar और
4. Minion Islands.
रामेश्वरम भारत के सबसे बड़ा प्रवाल भित्ति है।
भारत का कुल Coral Reef का क्षेत्र 5,790km square है। Andaman और Nicobar Islands के चार प्रमुख क्षेत्रों तक फैला है।
रामेश्वरम और तूतीकोरिन के बीच 21 Islands हैं।
Nicobar और Andaman Islands530 द्वीपों से युक्त हैं।जो बहुत अच्छी स्थिति में है।
प्रवाल भित्तियों को जीवित रहने के लिए गर्म,उथला, साफ और उत्तेजित पानी चाहिए।
खोज से पता चला है कि मूंगे की 500Million वर्ष Carabrian Period से हैं जो आज भी जीवित पाए जाते हैं।
विश्व के सबसे बड़े CORAL REEF कहां पाए जाते हैं?
विश्व के सब से विशाल CORAL REEF System जो
The Great Barrier REEF से जाना जाता है, वह Australia महाद्वीप के पूर्वी-तट,Queensland के उत्तर-पूर्वी तट में Marine Park के समानांतर 1200 miles तक फैली हुई है। इस की चौड़ाई 10 मील से 90 मील तक है।
CORAL REEF प्रकृति की अद्भुत देन है।
इसे समुद्र का वर्षा वन भी कहते हैं
इसे देखने के लिए पर्टक आते हैं। उस देश की आमदनी में चार चांद लग जाते हैं।
समुद्री चक्रवात और सुनामी कोरल रीफ को बहुत नुकसान पहुचाते हैं।
Barnacles,Snails और Star fish और ज्वार-भाटा इनको बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।
दूसरा सबसे खतरनाक नुकसान मानव द्वारा फैलाया गया प्रदूषण है।
कारखाने का कचरा, प्लास्टिक जो सैकड़ों टन की मात्रा में समुद में चला जाता है। अत्यधिक फीशिंग, कोरल खनन,तेल का बहना इससे Polyps नष्ट हो जाते हैं।https://www.britannica.com/science/coral-reef
विशेष : सिर्फ प्रकृति के भरोसे न रहकर हर मानव जाति को प्रवाल संरक्षण के बारे में विचार करने चाहिए।
प्रवाल की कोई सीमा नहीं।
3. Gulf of Mannar और
4. Minion Islands.
रामेश्वरम भारत के सबसे बड़ा प्रवाल भित्ति है।
भारत का कुल Coral Reef का क्षेत्र 5,790km square है। Andaman और Nicobar Islands के चार प्रमुख क्षेत्रों तक फैला है।
रामेश्वरम और तूतीकोरिन के बीच 21 Islands हैं।
Nicobar और Andaman Islands530 द्वीपों से युक्त हैं।जो बहुत अच्छी स्थिति में है।
प्रवाल भित्तियों को जीवित रहने के लिए गर्म,उथला, साफ और उत्तेजित पानी चाहिए।
खोज से पता चला है कि मूंगे की 500Million वर्ष Carabrian Period से हैं जो आज भी जीवित पाए जाते हैं।
विश्व के सबसे बड़े CORAL REEF कहां पाए जाते हैं?
विश्व के सब से विशाल CORAL REEF System जो
The Great Barrier REEF से जाना जाता है, वह Australia महाद्वीप के पूर्वी-तट,Queensland के उत्तर-पूर्वी तट में Marine Park के समानांतर 1200 miles तक फैली हुई है। इस की चौड़ाई 10 मील से 90 मील तक है।
CORAL REEF प्रकृति की अद्भुत देन है।
इसे समुद्र का वर्षा वन भी कहते हैं
इसे देखने के लिए पर्टक आते हैं। उस देश की आमदनी में चार चांद लग जाते हैं।
समुद्री चक्रवात और सुनामी कोरल रीफ को बहुत नुकसान पहुचाते हैं।
Barnacles,Snails और Star fish और ज्वार-भाटा इनको बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।
दूसरा सबसे खतरनाक नुकसान मानव द्वारा फैलाया गया प्रदूषण है।
कारखाने का कचरा, प्लास्टिक जो सैकड़ों टन की मात्रा में समुद में चला जाता है। अत्यधिक फीशिंग, कोरल खनन,तेल का बहना इससे Polyps नष्ट हो जाते हैं।https://www.britannica.com/science/coral-reef
विशेष : सिर्फ प्रकृति के भरोसे न रहकर हर मानव जाति को प्रवाल संरक्षण के बारे में विचार करने चाहिए।
प्रवाल की कोई सीमा नहीं।
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