CANNES FILMS FESTIVAL की शुरुआत 1938 में हुई थी, जब फ्रांस के राष्ट्रीय शिक्षा मंत्री JEAN ZAY उच्च पदस्थ अधिकारी और Historian Phillipe Erlanger फिल्म पत्रकार
ROBERT LE FAVRE BRET के प्रस्ताव पर एक अंतरराष्ट्रीय सिनेमैटोग्राफ़िक महोत्सव स्थापित करने का फ़ैसला किया था। उन्हें अमेरिकियों और ब्रिटिशों का समर्थन प्राप्त हुआ।
हालांकि यहां तक आना इतना आसान नहीं था। इसके निर्माण का श्रेय काफी हद तक Venice Film Festival के स्पर्धा के कारण हुआ था। कितने राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद 31 मई 1939 को, Cannes City को अंततः Biarritz ऊपर उत्सव के स्थान के रूप में चुना गया और टाउन हॉल ने फ्रांसीसी सरकार के साथ मिलकर Le Festival International du Film नाम से अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के आधिकारिक जन्म प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर किए।
20 सितंबर से 5 अक्टूबर 1946 तक, इक्कीस देशों ने अपनी फ़िल्में पहले Cannes International Film Festival में प्रस्तुत कीं, जो कान के पूर्व Casino of Cannes में हुआ था। 1947 में, दक्षता की गंभीर समस्याओं के बीच, महोत्सव को "Festival du Film de Cannes" के रूप में आयोजित किया गया, जहाँ सोलह देशों की फ़िल्में प्रस्तुत की गईं। कुछ वित्तीय समस्याओं के कारण 1948 और 1950 में यह महोत्सव आयोजित नहीं किया गया था।
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Cannes Films Festivals में भारत चुंकि भारत का
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अपना बहुत बड़ा फिल्म इंडस्ट्रीज हैं। 15 May 2024 को Cannes Films Festival में INDIA PAVILLION से (भारत मण्डप) के नाम का उद्घाटन हुआ।
भारत मण्डप के उद्घाटन समारोह का नेतृत्व सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सचिव संजय जाजू के साथ फ्रांस में भारत के राजदूत श्री जावेद अशरफ ने किया।
श्री संजय जाजू ने कहा- "हम भारत मण्डप वैश्विक मंच पर भारतीय सिनेमा की नेटवर्किंग, सहयोग और प्रचार के केंद्र के रूप में काम करेगा। हम भारतीय ऑडियो विजुअल उद्योग और उनके अंतरराष्ट्रीय समक्षकों के बीच अधिक सहयोग को बढ़ावा देना चाहते हैं, जिससे दुनिया भर में भारतीय सिनेमा की ख्याति और पहुंच बढ़े तथा देश के सॉफ्ट टच को बढ़ाने के लिए सिनेमा की शक्ति का उपयोग उपयोग करने के राष्ट्रीय लक्ष्य को हासिल किया जा सके"
इस अवसर पर महामहिम जावेद अफरफ ने कहा-
"भारत अपने दार्शनिक योगदान, चिंतन और विचारों के कारण, भू-राजनीतिक और आर्थिक रूप से दुनिया भर का ध्यान आकर्षित कर रहा है। व्यापक अनिश्चितताओं से घिरी
इस बहुध्रुवीय दुनिया में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि
हम मौजूदा अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था से एक नई व्यवस्था की ओर रुख कर रहे हैं। ये सभी पहलू परस्पर जुड़े ह हैं, जिससे विदेश, विशेष कर सिनेमा में , हमारे लिए अधिक से अधिक उपस्थिति महत्वपूर्ण हो गई है।"
ज्ञात हो कि यह पहली बार है कि भारत कान्स महोत्सव में भारत पर्व की मेजबानी की गयी।
यह पर्व दुनियाभर की फिल्मी हस्तियों, निर्माता-निर्देशक, खरीदारों और बिक्री एजेंटों के साथ जुड़ने का एक जरिया बनेगा।
इस समारोह में 77वर्षों के इतिहास में पहली बार दस भारतीय फिल्म प्रतियोगिता खण्ड में चुनी गयी है।
इस बार भी भारतीय कलाकारों की भूमिका कान्स में बड़ी अच्छी रही।
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