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मंगलवार, 21 मई 2024

Acorn Fruit - the amazing story of its long journey

Acorn Fruit - the amazing story of its long journey.


 Acorn Fruit
- बलूत का फल

बलूत फल की कहानी बड़ा ही दिलचस्प है।

• बलूत का फल ओक के पेड़ पर लगते हैं। रूप में अंडाकार, कच्चे होने पर हरे रंग और पक जाने पर पीले हो जाते हैं।
• इसके वृक्ष को शाहबलूत बलूत  और  बांज से भी जाने जाते हैं। इंग्लिश में इस पेड़ का नाम ओक (Oak) है।
• (Oak) बांज ((Fagaceae)बिरादरी के (Quercus)जाति का वृक्ष है।
• विश्व भर में ओक के पेड़ की 500 से अधिक प्रजातियाँ पाये जाते हैं।
• सफेद ओक के पेड़ पर जल्दी बलूत के फल विकसित होते हैं जबकि लाल ओक के फल धीमे गति से चलते हैं।
(Oak) बलूत का विशाल पेड़ जंगलों में एक राजसी ठाठ प्रदान तो करते ही हैं साथ ही ये अनेक वन्य जीवों का आश्रयस्थल भी हैं।
• (Oak) को दो समुहों में बांटा गया है। सफेद ओक और लाल (काला) ओक।

(Black Oak Tree.Photo credit:Pexel/Marek Piwnicki)

सफेद ओक में चिकनी और बाल रहित पत्तियों होती हैं।इसके फल में मीठे स्वाद वाले बीज होते हैं जो एक मौसम में पक जाते हैं। ये पतझड़ के मौसम में गिरते हैं।जमीन में गिरते ही अंकुरित होना शुरू कर देते हैं।जबकि लाल (काला)ओक के पत्ते नुकीले लोब वाले होते हैं। इसके फल पकने में दो वर्ष लगते हैं और कड़वे होते हैं। इसके फल को अंकुरित करने का अलग प्रोसेसिंग होते हैं।
• बलूत का पेड़  20 वर्ष के बाद ही फल देने में सक्षम होता है। ज्ञात हो कि एक स्वस्थ पेड़ 10.000 तक फल दे सकता है।
• एक वयस्क बलूत के पेड़ पर दो प्रकार के फूल खिलते हैं। नर (Catkins) और मदा (Pistillate)। अन्य बसंत के फूलों से ये फूल अपनी अलग पहचान रखते हैं। खासकर मादा फूल। ज्ञात हो कि बलूत को एकलिंगी प्रजाति की श्रेणी में रखा जाता है क्योंकि वे नर और मादा दोनों तरह के फूल पैदा करते हैं। ओक के पेड़ों पर बसंत के अंतिम चरण में फूल खिलते हैं।



बलूत फल खाना चाहिए या नहीं?
बलूत का फल पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
हालांकि बलूत का फल जंगली सुअरों, हिरणों,गिलहरियों और पक्षियों का प्रिय भोजन है। लेकिन इंसान को इसे बिन प्रोसेस किये कभी नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इसमें एक टैनिन एसिड पाए जाते हैं जो शरीर के अच्छे तत्व को अवशोषित करने का गुण रखते हैं।


बलूत के फल का सफ़र बड़ा दिलचस्प है।

प्राचीनकाल से जब इंसान खानाबदोश थे तबसे बलूत के फल का सेवन होते रहे थे।
उसके बाद द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान गेहूं और चावल के अभाव में ये फल मुख्य जीविका का साधन बन गया था।

प्राचीन ग्रीस में तो इस फल को चुनने की सख्त मना थी। इसे (योद्धाओं का भोजन) कहा जाता था।
पुर्तगाल, स्पेन के जंगलों में ओक का जंगल बहुतायत में पाए जाते हैं। वहां (black Iberian Pig) इसे बड़े चाव से खाते हैं।जिससे उसके मांस में गुणवत्ता पायी गई। इससे पीग का मांस चिकनाई से भरपूर, स्वादिष्ट और सुगंधित पायी गयी है।
जैसे-जैसे मानव सभ्यता समृध्द होती गयी, बलूत के फल के भोजन को निम्न श्रेणी में रखा जाने लगा।। कालांतर में यह 'एक भूला हुआ भोजन' बन के रह गया।
अब कालचक्र कहें या विडंबना बलूत के फल को फिर से प्रकाश में लाया जाने लगा। जो फल गिलहरी, हिरणों और सुअरों का भोजन कह त्याग दिया गया था, अब इस फल को प्रोसेस कर ग्लूटेन-मुक्त आटा बनाए जाते हैं और उससे तरह तरह के केक बनाए जाते हैं।
आशा है आने वाले कल में बलूत के फल का सफ़र विविध आयामों में होगा।(देर आए दुरुस्त आए)।
It's never too late to get good at something.
_Guy Fieri

प्रेरणास्रोत:
"Acorn | Definition & Facts"Encyclopedia Britannica

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