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शनिवार, 30 मार्च 2024

April Fool Day

 1. April fool day का मतलब क्या होता है?

2. April fool dayका इतिहास क्या है?
3. April fool day पहले कब किस देश में मनाया गया था।
4. April fool day का आधुनिक समाज में क्या एहमियत है?
5. April fool day का मतलब क्या होता है?
6. April fool dayका इतिहास क्या है?
7. April fool day पहले कब किस देश में मनाया गया था।
8. April fool day का आधुनिक समाज में क्या एहमियत है?
5.April fool day के कुछ परिहास।

__April Fool day का सीधा सा मतलब है, मूर्ख दिवस।
लोग इस नाम से भी जानते हैं, जैसे April's fish इत्यादि। यह खासकर पहले एप्रील को मनाया जाता है।


__April fool day का इतिहास क्या है?
इस  प्रश्न का उत्तर बहुत विवादित है। यों तो एप्रील फ़ूल डे की उपज पश्चिमी देश की है। लेकिन ठीक-ठीक किसी भी इतिहासकारों ने यह दावा नहीं किया है कि किसने पहले किस देश में मूर्ख दिवस मनाया था। कई  विद्वान यह दावा करते हैं कि यह प्रथा १६वीं सदी की है लेकिन कहीं कोई निश्चित लेख नहीं मिलता है।हां, १३९२ में पहली एप्रील और मूर्खता के बीच पहली बार एक लेख सामने आया था Geoffrey Chaucer की लिखी कहानी में __
The Canterbury Tales में एक घमंडी मूर्गे  Chanteclairको एक लाल लोमड़ी ने मूर्ख बनाकर उसके दरबे से बाहर निकाला था।
विवादों की लिस्ट 1561,1563,1564,1572, तक चलता रहा।
पहली एप्रील 1698 को बहुत से लोगों को 'शेर की धुलाई ' देखने के लिए  धोखे से Tower of London में ले जाया गया था।
April's Fool day को पारम्परिक रूप से कुछ देश जैसे___New Zealand, Britain, Australia, और
South Africa में केवल दोपहर तक ही इसे मनाया जाता है। अगर कोई दोपहर के बाद इस परिहास का शिकार होता है तो उसे April fish कह कर चिढ़ाया जाता है।
और देशों में जैसे___France,Ireland, Italy, South Korea, Japan, Russia,Germany, Brazil,Canada, America में परिहास का सिलसिला दिन भर चलता रहता है।
___April Fool day कब और कहां ,किस देश में पहले मनाया गया।
___यों तो अगर एप्रील फ़ूल डे की हास -परिहास की बात करें तो पश्चिमी देश की बात आती है लेकिन,  भारतीय इतिहास को खंगाल कर देखें तो हास परिहास की बातें महाभारतकालीन
युग से भी आता है। राजा महाराजा अपने मनोरंजन के लिए हिंजड़ों और बौनों को अपने राज दरबार में रखते थे।लेकिन उस समय कोई विशेष दिन या तिथि निर्धारित नहीं होती थी।
___April Fool dayकी एहमियत आधुनिक समाज में क्या है?
___वैसे तो हास परिहास का कोई धार्मिक महत्व नहीं होता है।
हम इस आधुनिक सभ्यता के इस डिज़िटल युग की बात करें तो हर आदमी अपने आप में गुम होता जा रहा है। लोग किसी से परिहास क्या, बात करने तक की फुरसत नहीं निकाल पाते हैं।
ऐसे में अगर एक विशेष दिन परिहास का हो तो समाज का भला ही होगा कम से कम इस बहाने लोग एक दूसरे से जुड़े तो सही। हां, हास परिहास किसी के व्यंग्य या दुख या पीड़ा का कारण न बने।
___April Fool dayके कुछ परिहास

1.एक मेयर की मौत

1998 में  ब्रिटेन में एक मेयर की मौत की खबर आग की तरह फैल गयी थी जबकि वह हवाई जहाज से सफर कर रहा था।

2. Cell Phone बैन
New Zealand में पहली एप्रील को आनन फानन में एक खबर सारे देश में फैल गयी थी कि सेल फोन बैन हो गयी है लोग  धराधर फोन करने लगे थे। बाद में पता चला कि किसी ने सबको एप्रील फ़ूल बनाया था।

3.1980 में बीबीसी ने पहली एप्रील को ऐलान कर दिया था कि Big Ben नामक  घड़ी डिजिटल होने वाली है।

कुछ आम परिहास __जैसे,
1: शरारती बच्चे बड़ों के मोजे में मेंढक डाल देते हैं।
2: स्कूल डे के दिन सुबह जब हम उठते हैं तो अक्सर पहली एप्रील को बड़े भाई कहते हैं कि आज स्कूल की छुट्टी है।हम बहुत खुश होते हैं। बाद में पता चलता है कि हमें तो एप्रील फ़ीश बनाया गया था।

3. आफिस जाते वक्त अगर आपकी बुरी आदत हैं कि बिन देखे बैग उठाकर चल देते हैं तो सावधान हो जाइये, आफिस में बैग खोलते ही उसमें से चूहा या मेंढक निकल सकता है।







5.April fool day के कुछ परिहास।

__April Fool day का सीधा सा मतलब है, मूर्ख दिवस।
लोग इस नाम से भी जानते हैं, जैसे April's fish इत्यादि। यह खासकर पहले एप्रील को मनाया जाता है।

__April fool day का इतिहास क्या है?
इस  प्रश्न का उत्तर बहुत विवादित है। यों तो एप्रील फ़ूल डे की उपज पश्चिमी देश की है। लेकिन ठीक-ठीक किसी भी इतिहासकारों ने यह दावा नहीं किया है कि किसने पहले किस देश में मूर्ख दिवस मनाया था। कई  विद्वान यह दावा करते हैं कि यह प्रथा १६वीं सदी की है लेकिन कहीं कोई निश्चित लेख नहीं मिलता है।हां, १३९२ में पहली एप्रील और मूर्खता के बीच पहली बार एक लेख सामने आया था Geoffrey Chaucer की लिखी कहानी में __
The Canterbury Tales में एक घमंडी मूर्गे  Chanteclairको एक लाल लोमड़ी ने मूर्ख बनाकर उसके दरबे से बाहर निकाला था।
विवादों की लिस्ट 1561,1563,1564,1572, तक चलता रहा।
पहली एप्रील 1698 को बहुत से लोगों को 'शेर की धुलाई ' देखने के लिए  धोखे से Tower of London में ले जाया गया था।
April's Fool day को पारम्परिक रूप से कुछ देश जैसे___New Zealand, Britain, Australia, और
South Africa में केवल दोपहर तक ही इसे मनाया जाता है। अगर कोई दोपहर के बाद इस परिहास का शिकार होता है तो उसे April fish कह कर चिढ़ाया जाता है।
और देशों में जैसे___France,Ireland, Italy, South Korea, Japan, Russia,Germany, Brazil,Canada, America में परिहास का सिलसिला दिन भर चलता रहता है।
___April Fool day कब और कहां ,किस देश में पहले मनाया गया।
___यों तो अगर एप्रील फ़ूल डे की हास -परिहास की बात करें तो पश्चिमी देश की बात आती है लेकिन,  भारतीय इतिहास को खंगाल कर देखें तो हास परिहास की बातें महाभारतकालीन
युग से भी आता है। राजा महाराजा अपने मनोरंजन के लिए हिंजड़ों और बौनों को अपने राज दरबार में रखते थे।लेकिन उस समय कोई विशेष दिन या तिथि निर्धारित नहीं होती थी।
___April Fool dayकी एहमियत आधुनिक समाज में क्या है?
___वैसे तो हास परिहास का कोई धार्मिक महत्व नहीं होता है।
हम इस आधुनिक सभ्यता के इस डिज़िटल युग की बात करें तो हर आदमी अपने आप में गुम होता जा रहा है। लोग किसी से परिहास क्या, बात करने तक की फुरसत नहीं निकाल पाते हैं।
ऐसे में अगर एक विशेष दिन परिहास का हो तो समाज का भला ही होगा कम से कम इस बहाने लोग एक दूसरे से जुड़े तो सही। हां, हास परिहास किसी के व्यंग्य या दुख या पीड़ा का कारण न बने।
___April Fool dayके कुछ परिहास

1.एक मेयर की मौत

1998 में  ब्रिटेन में एक मेयर की मौत की खबर आग की तरह फैल गयी थी जबकि वह हवाई जहाज से सफर कर रहा था।

2. Cell Phone बैन
New Zealand में पहली एप्रील को आनन फानन में एक खबर सारे देश में फैल गयी थी कि सेल फोन बैन हो गयी है लोग  धराधर फोन करने लगे थे। बाद में पता चला कि किसी ने सबको एप्रील फ़ूल बनाया था।

3.1980 में बीबीसी ने पहली एप्रील को ऐलान कर दिया था कि Big Ben नामक  घड़ी डिजिटल होने वाली है।

कुछ आम परिहास __जैसे,
1: शरारती बच्चे बड़ों के मोजे में मेंढक डाल देते हैं।
2: स्कूल डे के दिन सुबह जब हम उठते हैं तो अक्सर पहली एप्रील को बड़े भाई कहते हैं कि आज स्कूल की छुट्टी है।हम बहुत खुश होते हैं। बाद में पता चलता है कि हमें तो एप्रील फ़ीश बनाया गया था।

3. आफिस जाते वक्त अगर आपकी बुरी आदत हैं कि बिन देखे बैग उठाकर चल देते हैं तो सावधान हो जाइये, आफिस में बैग खोलते ही उसमें से चूहा या मेंढक निकल सकता है।


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