The Truth 'यह सच है
...कि...! तुम आकाश हो...!!
शून्य ...!
उस शून्य को भरने के लिये..!
तुम्हें एक धरती चाहिये....!!
हरी-भरी और उर्वर...!!!
The Truth
मेरे हृदय में एक महाशून्य है..!
उसे पाटने के लिये ...!
ढूँढती हूँ...!
नित्य नये-नये शब्द...!!
The Truth
कितनी परिभाषाएँ...!
तुम दोगे मेरे परिचय के बहाने...!
ज्वालामुखी को देखो...!
सुप्तावस्था में कितनी सुंदर-सौम्य है..!!
जगती है जब....!
समस्त प्राणी की अनुभूतियों का...!
करती है हनन...!
The Truth
मेरे जन्म से..मृत्यु तक...!
मेरे जीवन के कोरे पन्ने पर..!!
लिखते हो तुम मेरी तकदीर..!
और....!
जिसमें नियति कर देती है...!!
पहले ही एक हस्ताक्षर...!
_______मृत्युपत्र पर....??"
_
उसे पाटने के लिये ...!
ढूँढती हूँ...!
नित्य नये-नये शब्द...!!
The Truth
कितनी परिभाषाएँ...!
तुम दोगे मेरे परिचय के बहाने...!
ज्वालामुखी को देखो...!
सुप्तावस्था में कितनी सुंदर-सौम्य है..!!
जगती है जब....!
समस्त प्राणी की अनुभूतियों का...!
करती है हनन...!
The Truth
मेरे जन्म से..मृत्यु तक...!
मेरे जीवन के कोरे पन्ने पर..!!
लिखते हो तुम मेरी तकदीर..!
और....!
जिसमें नियति कर देती है...!!
पहले ही एक हस्ताक्षर...!
_______मृत्युपत्र पर....??"
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