मीठास भरी सोलहवें साल
PhotoCredit:Pinterest SWEET SIXTEEN- मीठास भरी सोहलवें साल
"हर नारी मन का सोलहवाँ साल......!
ऐसा अवस्था में दिग्भ्रमित होना कितना प्राकृतिक है...!!
जब चाँद खिड़की के पार दिखता है..!
और....कोई मुसाफिर...!!
बादल पर घुड़सवारी करता है ..!
मंद मंद मुस्काता है चाँद...!!
कोई अक्स जब बादल पर उभरता है...!
हौले..! हौले..!! तब,
दिल की धडकनें तेज हुई जाती है..!
जाने कब आँख लग जाती है...!
सुबह-सुबह हरी दूब पर...!!
ओस कण हीरे की कणी सा चमकता है. .!
एक नम ..
मधुर सा एहसास मन में उपजता है. .!
लेकिन किसके लिये..!
किशोरी मन ...
जान नहीं पाती है..!!
ओस कण हीरे की कणी सा चमकता है. .!
एक नम ..
मधुर सा एहसास मन में उपजता है. .!
लेकिन किसके लिये..!
किशोरी मन ...
जान नहीं पाती है..!!
SWEET SIXTEEN-मीठास भरी सोलहवें साल
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