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शनिवार, 10 अप्रैल 2021

Destination


 वह सफर

रास्ता तो खत्म हो गया
मगर मंजिल कभी रास न आया

हाँ____!
मैं निराशावादी नहीं हूँ
न पलायनवादी हूँ
न बदलते वक्त से डर लगता है.
भले मैं थक कर पथ पर बैठ जाऊँ
लेकिन मैं जानती हूँ
तुम अब भी मुझे उतना ही चाहते हो
जितना पहले दिन तुमने मुझे देखकर
अपने प्यार का इजहार किया था.

चलो एक नये मंजिल की खोज में
एक ऐसा सफर
जिसका कभी अंत न हो.


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