Interpretations of Dreams सपनों के ताबीर
Dream
पहाडों से उतरती सांझ की बेला की
या_____शहर की अटालिका में बैठी बाला की.
Dream
सपने - हां, मैं सांझ की बेला में खिलती हूँ____
जहां तारों की छाँव में मेरे सपने पलते हैं ___
वह सपने जो कभी फलते नहीं।
______सुबह के फूल पहले देवता के चरणों में चढ़ते हैं
हाँ जिंदगी का दूसरा पहलू भी मायने रखती है .
Dream
सपने - हरसिंगार, रात की रानी रजनीगंधा व चंपा
रात में ही खिलते सब को मोहते देखा है।
_____जिंदगी खिल गयी फूलों के मानिंद
एक औरत जी लेती है रानी सदृश
हमने कब कहा और माना _ माना ही जो
जीवन के भिन्न-भिन्न रंगों ने हमको दिया।
Dream
सपने !
इतना आसान नहीं हैं बिन देखे सपनों-
की ताबीर बुनना।
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