July 1, 2024, India will witness significant changes in its criminal justice system due to the implementation of three groundbreaking laws:
1 जुलाई, 2024 तक भारत तीन महत्वपूर्ण कानूनों के कार्यान्वयन के कारण अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव देखेगा:
• Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS): This law replaces the longstanding Indian Penal Code (IPC). Notably, several sections under the old law have been renumbered in the BNS. For instance:
▪︎भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस): यह कानून लंबे समय से चली आ रही भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह लेता है। उल्लेखनीय है कि पुराने कानून के तहत कई धाराओं को बीएनएस में फिर से क्रमांकित किया गया है। उदाहरण के लिए:
• Murder now falls under Section 101 (previously Section 302 in the IPC).
▪︎हत्या अब धारा 101 (पहले भारतीय दंड संहिता की धारा 302) के अंतर्गत आती है
• Cheating is covered by Section 316 (formerly Section 420 in the IPC).
▪︎ धोखाधड़ी धारा 316 (पूर्व में आईपीसी की धारा 420) के अंतर्गत आती है।
• Defamation is addressed under Section 354 (formerly Section 499 in the IPC).
▪︎मानहानि को धारा 354 (पूर्व में आईपीसी की धारा 499) के तहत संबोधित किया जाता है।
• Rape punishment is governed by Section 63, while gang rape is covered by Section 70.
▪︎ बलात्कार की सज़ा धारा 63 के अंतर्गत आती है, जबकि सामूहिक बलात्कार की सज़ा धारा 70 के अंतर्गत आती है।
• Sedition is now known as Section 150 in the BNS (previously Section 124-A in the IPC)1.
▪︎राजद्रोह को अब बीएनएस में धारा 150 के नाम से जाना जाता है (पहले आईपीसी में धारा 124-ए के नाम से जाना जाता था)IPC)1
• Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita: This law replaces the Code of Criminal Procedure.
▪︎भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता: यह कानून दंड प्रक्रिया संहिता का स्थान लेता है।
• Bharatiya Sakshya Act: This law replaces the Indian Evidence Act of 1872.
▪︎भारतीय साक्ष्य अधिनियम: यह कानून 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेता है।
■ इन परिवर्तनों का उद्देश्य भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को आधुनिक और सुव्यवस्थित बनाना है।
■ Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS), which replaces the Indian Penal Code (IPC), introduces several significant changes. Here are the key provisions:
निश्चित रूप से! भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह लेती है, कई महत्वपूर्ण बदलाव पेश करती है। यहाँ प्रमुख प्रावधान दिए गए हैं:
• New Offences:
▪︎ नये अपराध:
• BNS adds twenty new offences not covered by the IPC.
▪︎ बीएनएस ने आईपीसी के दायरे में न आने वाले बीस नए अपराध जोड़े हैं।
• It also removes nineteen provisions that existed in the IPC1.
▪︎यह आईपीसी 1 में मौजूद उन्नीस प्रावधानों को भी हटाता है।
• Increased Penalties:
▪︎बढ़ी हुई सजा
• For 33 offences, the punishment of imprisonment has been raised.
▪︎ 33 अपराधों के लिए कारावास की सज़ा बढ़ा दी गई है।
• In 83 offences, the punishment of fines has been enhanced1
▪︎83 अपराधों में जुर्माने की सजा बढ़ा दी गई है।
• Mandatory Minimum Punishment:
▪︎ अनिवार्य न्यूनतम सजा:
• BNS introduces a mandatory minimum punishment for 23 offences1.
▪︎ बीएनएस ने 23 अपराधों के लिए अनिवार्य न्यूनतम सज़ा पेश की1.
■These changes aim to modernize and streamline India’s criminal justice system.
इन परिवर्तनों का उद्देश्य भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को आधुनिक और सुव्यवस्थित बनाना है।
Exclusive: Google's Copilot was responsible for writing these new rules.
विशेष: यह नये कानूनी नियम लिखने के लिए गूगल के कोपाइलट की मदद ली गयी है।
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