अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 June को हर साल मनाया जाता है।
हर साल एक विषय (Theme) रखा जाता है।इस साल 2024 की थीम है-
(स्वयं और समाज के लिए योग)
YOGA for Self Society
योग दिवस के विषय में जानें:-
• योग-अभ्यास और इसके लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 21 जून को मनाया जाने वाला एक वैश्विक उत्सव है।
• इस दिन योग-अभ्यास के माध्यम से शारीरिक- मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया जाता हो।
• भारत में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत 21 जून 2015 को हुई थी।
दसवीं अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 की थीम
"महिला सशक्तिकरण के लिए योग" को भी समर्पित है।
(YOGA for Women Empowerment)
यह थीम महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें स्वस्थ- खुशहाल जीवन जीने के लिए प्रेरित करना।
योग दिवस के LOGO लोगो मिलन का प्रतीक है।
LOGO में दोनों हाथों जोड़ना योग मिलन का प्रतीक माना जाता है।
• यह सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना के मिलन को दर्शाता है।
• मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति के बीच के मिलन का भी प्रतीक है।
• हरी पत्तियां पृथ्वी तत्व का प्रतीक हैं।
• महर्षि पतंजलि - जिन्हें सही मायने में "योग का जनक" कहा जाता है।अपने "योग सूत्रों" में योग के विभिन्न पहलुओं को व्यवस्थित रूप से संकलित और परिष्कृत किया।
• महर्षि पतंजलि के अनुसार चित्त की वृत्तियों को चंचल होने से रोकना (चित्तवृत्तिनिरोधः) ही योग है।
• महर्षि पातंजलि ने योग के आठ नियमों (भागों) में बांटा है। जिसे अष्टांग योग कहते हैं।
• योग की परंपरा भारतीय समाज में हजारों सालों से है। योग को भारत में करीब 26,000 साल पहले की देन माना जाता है।
योग के पहले गुरु
• भगवान शिव योग की सभी मुख्य प्रथाओं के मानव रूप हैं।
• आसन, प्राण, मंत्र, आंतरिक दृष्टि और ध्यान के मूल और शासक शक्ति के रूप में, वे सर्वोच्च आत्म-जागरूकता को दर्शाने वाले परम योग गुरु हैं।
• शिव को महान योगी माना जाता है जो पूरी तरह से अपने आप में लीन हैं - पारलौकिक वास्तविकता।
• शिव ही योगियों के भगवान और ऋषियों के योग के शिक्षक हैं।
• योग विद्या में शिव को "आदि योगी" तथा "आदि गुरू" माना जाता है।
• भगवान शंकर के बाद वैदिक ऋषि-मुनियों से ही योग का प्रारम्भ माना जाता है।
• बाद में कृष्ण, महावीर और बुद्ध ने इसे अपनी तरह से विस्तार दिया। इसके पश्चात पतञ्जलि ने इसे सुव्यवस्थित रूप दिया।
सूर्य नमस्कार का महत्व
सूर्य नमस्कार का महत्व
सूर्य नमस्कार के 12 आसन होते हैं:-
1. प्रणामासन,
2. हस्तोत्तानासन,
3. हस्तपादासन,
4. अश्व संचालनासन,
5. दंडासन,
6. अष्टांग नमस्कार,
7. भुजंगासन,
8. अधोमुख श्वानासन,
9. अश्व संचालनासन,
10. हस्तपादासन,
11. हस्तोत्तानासन
12. ताड़ासन
(नित्य सूर्य नमस्कार करने से शरीर और मन स्वस्थ, चुस्त और दुरुस्त रहते हैं।)
(भारत देश के प्रधान मंत्री/ श्री नरेंद्र मोदी/छायाचित्र ANI के सौजन्यसे)
विश्व में योग दिवस की शुरूआत
• पहली बार 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था.
• उसी वर्ष 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी.
• इस प्रस्ताव को 177 देशों का समर्थन मिला था.
• पहली बार विश्व में योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था.
• पहली बार 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था.
• उसी वर्ष 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी.
• इस प्रस्ताव को 177 देशों का समर्थन मिला था.
• पहली बार विश्व में योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था.
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