15 June - World Elder Abuse Awareness
Day __ विश्वबुजुर्ग जागरूकता दिवस .The day was officially recognised by the United Nations General Assembly.
15 June 2006 को विश्व वुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस (WEAAAD) की शुरुवात हुई ।इसका उद्देश्य है __ वृद्धजनों के प्रति
सेवाभाव रखना,उनकी देखभाल करना इत्यादि।
बहुत से ऐसे संस्था हैं जो विशेष कर बुजुर्ग जनों की सेवा के लिए ही है।
वहां से सहायता ले सकते हैं।
"आपातकाल में वृद्ध व्यक्तियों पर स्पॉटलाइट"
• उम्र बढ़ना प्रकृति की स्वाभाविक प्रकृया है।
• हर किसी को इस प्रकिया से गुज़रना पड़ता है।
• दुनिया भर में 15 June को ' विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस मनाया जाता है।
• 2011 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव 66/127पारित कर के इंटरनेशनल नेटवर्क फॉर द प्रिवेंशन ऑफ एल्डर एब्यूज़ के अनुरोध के बाद आधिकारिक रूप से ' वल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे' मनाने की मान्यता दी।
बहुत से बुजुर्ग अकेले रहते हैं तो मुहल्ले के लोग बारी - बारी से जाकर उनकी मदद करें।
• उनसे मिलें।
• उनके साथ बैठकर उनके पसंद का खाना खाएं।
• उनहें किसी पार्क में ले जाएं। वहां लोगों से मिलाएं।
• उनकी बी पी, सुगर इत्यादि चेक करें।
• उनको हल्का-फुल्का व्यायाम सिखाएं।
अक्सर बुजुर्ग बाथरूम में गिर जाते हैं।
• बाथरूम में रबर का मेट बिछाएं।
• उनके लिए बाथरूम का विशिष्ट सीट लगाएं।
• उनको छड़ी के सहारे चलने की आदत डलवाएं।आज के आधुनिक समाज में बुजुर्गों की देखभाल करना एक समस्या बन गयी है।
High Education, हाई फाई जिंदगी, लग्ज़री फ्लेट मेंरहना,बुजुर्ग अकेलेपन के शिकार हो जाते हैं।
• अगर देखा जाए तो उन बच्चों का कोई दोष नहीं, बड़ी नौकरी , बड़ी कम्पनी की जिम्मेदारी, जहां खुद से लिए समय नहीं मिलता, तो बुज़ुर्ग माता पिता की तो बात ही अलग है।
• मैं समझती हूं, आदमी अगर समय के हिसाब से न चले तो उसे अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
• अधेड़ होने से पहले अगर हर आदमी अपनी अधेड़ावस्था का इंतजाम खुद कर ले तो वह अपनों पर कभी बोझ नहीं बनेगा।
• सबसे पहले अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
• अपनी आर्थिक अवस्था को मज़बूत रखें।
• अपने घर का एक हिस्सा अपने लिए सुरक्षित रखें।
• किसी Senior Citizen का मेम्बर बने।• अपनी बात अपने मन में दबा कर न रखें
• अपने दोस्तों से लगातार संपर्क बनाए रखें।
• बेटे - बहू की जिंदगी में दखल न दें। आप अपनी जिंदगी जी चुके, उनको उनके तरीके से जीने दें।
• अपने हॉबी को पुनः जागृत करें। डायरी लिखें, पेंटिंग करें।• अगर आप धार्मिक प्रवृति के हों तो अच्छी किताबें पढ़े, मंत्र जाप करें। ध्यान और योग करें।
बहुत से बुजुर्गों को जीवन में इतनी सुविधाएं नहीं होती है तो वे क्या करें।
• बहुत से ऐसे आश्रम है जहां बुजुर्ग अपनी स्वेच्छा से जा सकते हैं।
• आश्रम या अनाथाश्रम घर नहीं होता, वहां के अपने नियम होते हैं। आप जहां भी रहें खुश रहें।
मैंने बहुत सर्वे किया है बुजुर्गों की समस्याओं को लेकर __
बहुत से बुजुर्ग महिला एवं पुरुष अपने बेटे बहू की बातें अनय लोगों से से करते हैं। वही बातें नमक मिर्च लगाकर जब बेटे बहू के कानों में पड़ते हैं तो रिश्तों में दरार पड़नेलगते हैं।
कुछ बुजुर्गों के ऐसे वर्ग होते हैं जिन्हें सहानुभूति और देखभाल की जरूरत होती है।
• उनसे बात करे। बेटे बहू या परिवार के अन्य सदस्य उनकी उपेक्षा न करे।
• उनकी हाल चाल पूछ लेने से किसी को कुछ घटता नहीं है, अपितु उनसे आशीर्वाद ही मिलते हैं।
• बुजुर्ग माता - पिता के खाने में अधिक टोका- टोकी न करें । अपितु उन्हें प्यार से समझाएं कि कौन सी चीज़ उनके खाने में ठीक रहेगा।
• कहीं जाते समय अपने बुजुर्ग माता-पिता को बताकर जाएं।
• अपने बुजुर्ग माता पिता के लिए wheelchair, stick जरूर रखें।
• नफरत नहीं प्यार से बुजुर्ग परिवार की देखभाल की जा सकती है।
इस प्रकार बुजुर्ग परिवार के साथ समय बिताना कितना सुखद होता है।
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