INVISIBLE MIRROR- अदृश्य आइना
एक अदृश्य आइना और मेरा जन्म !
जैसे-जैसे मेरा अस्तित्व पनपता गया
एक अदृश्य दर्पण
मेरी आत्मा में प्रस्फुटित होने लगा।
मेरे बचपन की पहली किताब में
मैंने एक प्रार्थना पढ़ी थी
वह प्रार्थना रक्षाकवच बनके
आज भी मेरी रक्षा करती है।
INVISIBLE MIRROR- अदृश्य आइना
अपने जीवन के नन्हे-नन्हे कदम चढ़ते हुए
जंगल के अंधेरे सन्नाटे में
एक उथली नदी लोरी गाती थी
जब बाढ़ का पानी
उड़ते झरने में बदल जाता था
अहा! तब सूर्य और चंद्रमा की अनगिनत किरणों
अनगिनत रंगोक़ं में सजती थी।
तब से एक अदृश्य आइना
आश्चर्यजनक रूप से
मेरी आत्मा में चमकने लगी है।
INVISIBLE MIRROR- अदृश्य आइना ।
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