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मंगलवार, 23 अप्रैल 2024

Earth Day. Planet v/s Plastic 2024

 History

आखिर ऐसा हुआ क्या   जो 'पृथ्वी दिवस' रखने की ज़रूरत पड़ी. आइये जानें इस बात को :



 "कभी-कभी छोटी से छोटी घटनाओं को अनदेखे कर देने से बड़ी दुर्घटनाएं होने की सम्भावनाएं हो जाती है।"
• जब प्रकृति ने एक हरा भरा पर्यावरण इस धरती को जीवित रखने के लिए सुनिश्चित की है तो कहीं न कहीं इसका तो कोई कारण होगा।
• जाने अनजाने में लोग,कुछ तो अपनी जीविका के लिए, बच्चों के भरण-पोषण जंगल का उपयोग करते रहे। लेकिन जब इंसान में सोने के अंडे देने वाली मुरगी का भाव जागा तब इसका व्यापार करने लगे। यहां तक तो ठीक है लेकिन इंसान यहां तक क्यों रूके?
• उसने सोचा,पर्यावरण मुर्गी तो है नहीं घास पूस है जल्दी उग जाऐंगे। यह भाव आते ही जंगल द्रुतगति से साफ़ होने लगा और देखते ही देखते दुनिया के बड़े से बड़े rain forest खाली होने लगे।





• कुछ बुद्धिजीवियों का माथा ठनका कि इस प्रकार से पेड़ों photo:Google

की कटाई से तो मुसीबत आ जाएगी। लेकिन पहले तू पहले तू वाली बात आ गयी।
• 'आविष्कार आवश्यकता की जननी है'। यह मानी हुई बात है। 1907 में महानायक 'Plastic'का आविष्कार Leo Backland नामक वैज्ञानिक ने किया। सार्वजनिक रूप से 1909 में Bakelite नाम से प्रचलित हुआ।
• 'न जलेगा,न पिघलेगा' बेकलेंड ने कहा था। उसे क्या पता था कि भविष्य में उसका कथन इतना कहर ढाएगा। अन्यथा वह अपने आविष्कार में नरमी दिखलाकर लिखता__'यह जलेगा और मिट्टी में मिल जाएगा'
होनी तो होना था,हो गया।
अब हम भविष्य में ऐसा क्या करें कि ये पर्यावरण बच पाए।

1972 में Sweden के Stockholm city में मानव पर्यावरण पर एक संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन हुआ। जिससे बहुत से देशों ने संज्ञान लिया कि धरती को हर हाल में गर्म होते पर्यावरण से बचाना है।हमें एक स्वस्थ धरती की परिकल्पना करनी है।
5June को World Environment Day, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण की स्थापना हुई।
1992 में Brasil के( City(Rio de Janeiro) पृथ्वी शिखर सम्मेलन हुआ जो बहुत  सफल साबित हुआ।

आइये जानें 2020 से 2024 तक पृथ्वी दिवस मानने के लिए कौन कौन से विषय(themes) चुने गये हैं।

•  2020 -जलवायु कार्यवाई (Climate Action)
• 2021- पृथ्वी को पुन: स्थापित करो।(Restore our Earth)
• 2022- हमारा धरती हमारा स्वास्थ्य ( Save our Planet Save lives)
• 2023- हमारे ग्रह में निवेश करें( Invest in our Planet)
• 2024-ग्रह बनाम प्लास्टिक
      (Planetv/Plastics)

1. प्लास्टिक हमारे पर्यावरण को खतरनाक रूप से निगलता जा रहा है।
2.प्लास्टिक को 500साल लगता है नष्ट होने में।
3.उसे जलाने से वायु प्रदूषित होता है।

हालांकि अब सभी लोग प्लास्टिक के इस्तेमाल से जागरूक हो गये हैं फिर भी अभी इसका सफर बहुत लम्बा है।
एक दिन  पृथ्वी दिवस मनाने से कुछ नहीं होता है।हमें रोज़ इस दिवस को मनाना है।

• अपने जन्म दिन पर एक पेड़ लगाएं।
• किसी को गिफ्ट देना हों तो कोई पौधे दें।


• अपने आसपास कूड़े-करकट न फेकें।
• सार्वजनिक स्थल को साफ रखें।
• कपड़े के थैले को यूज़ करें।

अगर हम इन छोटी-छोटी बातों की आदत बना लें तो यह धरती वसुंधरा बन जाएगी।


कुछ प्रसिद्ध स्लोगन जो गूगल से उद्धृत है:-

1. Be an Earth lover,not a hater ,Save Earth, it's a crucial matter.
2. Come On fast! We must Protect the Earth from Hazards.
3. Stop polluting the Earth and follow reduce reuse recycle regime.
4. The green revolution is the best way to secure our Earth for the future.
5. Earth is our Mother, let's make it better.


बुधवार, 17 अप्रैल 2024

RAMLALA KA SURYA TILAK

रामलला का सूर्यतिलक

आज अयोध्या  के राम मंदिर को  रामनवमी के अवसर पर विशेष रूप से सजाया गया हैं.

फोटो: गूगल  से साभार 

इस शुभ अवसर पर रामलला के भाल पर सूर्य के किरणों से भव्य तिलक हुआ.


photo:Google



यह अद्भुत नज़ारा जिसने भी देखा मानो उसका जीवन सफल हो गया. रामलला का सूर्यतिलक वर्णन से परे था .इस पल को जिसने भी देखा वह अवाक् रह गया था. भक्तों की आँखों से अविरल जलधारा बह रहे थे.
वैज्ञानिकों के अथक प्रयास से यह कार्य सफल हुआ था. 

नरेंद्र मोदी जी भी इस अलौकिक  पल का दर्शन अपने चुनावी यात्रा के दौरान किये.
फोटो:गूगल 



 इस साल २०२४ की रामनवमी का दिन बेहद दुर्लभ संयोग वाला दिन रहा.

पंचांग के अनुसार  इस बार रामनवमी को आश्लेषा नक्षत्र, रवि योग और सर्वार्थ  सिध्दि  रहा. पूरे दिन रवि योग रहा. रामलला की पूजा का शुभ मुहूर्त दिन के ११ बजकर एक मिनट से दोपहर के १ बजकर ३६ मिनट तक रहा.

५०० साल क संघर्ष के बाद यह राम मंदिर राम जन्मभूमि पर बना है. अयोध्या में यह पहला रामनवमी था . देश-विदेश से लोग इस भव्य समारोह को देखने आये  हैं. 

देश भर में राम भक्त राम को झुला झुलाए . सोहर गाए . तरह-तरह के पकवान बनाए.
विदेशों में भी जहाँ - जहाँ राम भक्त हैं सबने राम का जन्मोत्सव धूम-धाम से मनाए. 




सोमवार, 15 अप्रैल 2024

POEM___Who?

 Who "कौन...?


मेरे पीछे...!!

मैं हर सुबह-शाम तेरी तलाश में आती हूँ..!!

हवा जाने क्या गुनगुनाता है..?

कुछ शब्दों के मकड़जाल में उलझ जाती हूँ..!

कितना सोचती हूँ..!

सोच-सोच कर दिमाग खाली हो जाता है।

एक शून्य बाहर और भीतर घिर आता है.!

एक अधूरापन..

मन को सालता है..!

मैं निकल आती हूँ उस क्षितिज की खोज में..!

कि शायद...

तुम मुझे मिल जाओ..!!"




शुक्रवार, 12 अप्रैल 2024

 RAM NAVMI KI PUJA 2024

हिन्दू धर्मशास्त्र के अनुसार भगवान राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र व कर्क लग्न में हुआ था. (फोटो:गूगल )


२०२४ की नवमी तिथि

चैत्र मास की नवमी तिथि का प्रारंभ १६. अप्रैल की दोपहर एक बजे से अगले दिन १७. अप्रैल के दोपहर तीन बजकर चौदह मिनट तक रहेगी. चैत्र मास की महानवमी १७.अप्रिल को बड़े धूम धाम से मनायी जाएगी.

पूजा सामग्री व मंत्र  

भगवान राम को पीला रंग बहुत प्रिय है.

भक्त उन्हें पीले वस्त्र, पीले फूल, पीला चन्दन अर्पित करें.

नाना प्रकार के नैवेद्य. फल, फूल अर्पित करें. भोग में तुलसी पत्र रखें. अक्षत,कुमकुम, और गंगाजल से पूजन कर, आरती करें. छत पर पीली ध्वजा लहराएं.

तत्पश्चात १०८ बार निम्न मंत्र का जाप करें.

‘’ॐ श्रीं ह्रीं क्लिं रामचंद्राये श्रीं नमः‘’

 

राम नवमी के दिन राम कथा सुनने और सुनाने का बड़ा ही महात्म्य है.

 

कथा इस प्रकार है__

अयोध्या के सूर्यवंशी राजा दशरथ की तीन रानियाँ थी.

1.    १.   कौशल

2.     २.  केकई

3.     ३.  सुमित्रा

4.       कौशल्या के पुत्र राम हुए, केकयी के भरत. तीसरी रानी सुमित्रा के दो पुत्र हुए. लक्ष्मण और शत्रुध्न.

हिन्दू धर्मशास्त्र के अनुसार राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं. 



(फोटो गूगल से साभार)

राम जब अपने चारों भाइयों के साथ गुरुकुल से शिक्षा ग्रहण कर के अयोध्या वापस आये तब राजा दशरथ ने उसके राज्याभिषेक का ऐलान कर दिया.

 

पूरे अयोध्या में जब जश्न का माहौल बन गया, तभी राजा की दूसरी रानी केकयी ने उससे अपनी वरदान की बात कर दी.

एक बार राजा दशरथ युद्ध के मैदान में बेहोश हो गये थे. उस समय रानी केकई उसके साथ थी. रानी ने बड़ी बहादुरी से राजा को बचा कर रणभूमि से बाहर ले आयी थी. राजा केकई से प्रसन्न होकर उसे दो वर मांगने को कहा था. तब रानी ने बाद में कह कर चुप हो गयी थी. यह बात केकयी की दासी मंथरा को पता थी.

मंथरा को जब राम के राज्याभिषेक की बात का पता चला तो उसे यह बात कांटे की तरह चुभ गयी.

वह दौड़ी-दौड़ी रानी केकई के महल में पहुंची तो देखा रानी केकई ख़ुशी से पागल हुई जा रही है. मंथरा के तन बदन में आग लग गयी. वह जल भुन कर रानी से कहा___

‘’तुम एक माँ हो कर ऐसा किसे कर सकती हो?

तुम्हारा बेटा अपने ननिहाल मैं है और इधर तुम्हारी सौत के बेटे का राज्याभिषेक होने जा रहा है.’’

तब रानी केकई फूली न समाती हुई कहा___’’मंथरा, मेरा राम राजा बनेगा. तुम भी नाचो गाओ.’’

मंथरा और भी भड़क गयी. कहा __

‘’ये क्यों नहीं सोचती हो कि तुम्हारी सौत कौशल्या, राजमाता बनेगी और तुम उसकी दासी.’’

सौत औए दासी सब्द केकई क मन में चूभ गयी. रानी को चुप होते देख कर मंथरा ने कहा ___

‘’रानी! यहीं समय है जब तुम राजा से अपनी दो वरदान मांग सकती हो?

पहला, भरत को राज्य और दूसरा राम को चौदह बरस का बनवास.

रानी केकयी पर मंथरा की बातों का बहुत असर पड़ा. वह कोप भवन में जा बैठी. राजा दथरथ जब रानी को शुभ समाचार सुनाने आया तो रानी ने उससे भरत का राज्याभिषेक और राम को चौदह बरस का वरदान मांग लिया. राजा ये बात सुनते ही मृत्यु शैया पर गिर गया.

राम को जब इस बात का पता चाल तो वे तुरंत वन जाने के लिये वल्कल वस्त्र धारण कर लिये. साथ में लक्ष्मण और सीता भी वन जाने को तैयार हो गये. 

फोटो:गूगल


वन में रावण ने सीता का हरण कर अपने सोने की लंका में ले गया.

राम हनुमान और वानर सेना की मदद से रावण को मारकर सीता को वापस अयोध्या ले आया.

श्रीराम सुशासन, मर्यादित व्यवहार एवं सदाचार युक्त शासन के लिये माने जाते हैं. जिसको आमभाषा में रामराज्य कहते हैं.

२२.जन.२०२४. को उत्तर प्रदेश में अयोध्या में, जहाँ राम का जन्म स्थल है, राम के भव्य मंदिर

 

का देश के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटन हुआ. 


फोटो:गूगल से साभार


 

आइये जानें श्रीराम पर किन राशियों का विशेष प्रभाव रहता है.

वैसे तो प्रभु राम का अपने भक्तों पर विशेष अनुग्रह होता है.लेकिन ये चार राशियों भगवान राम बहुत प्रिय हैं

१.मीन राशि

२.कर्क राशि

३.वृषभ राशि

४.तुला राशि

इन राशियों वाले जातकों को नवरात्री में राम नाम का जब करने से उनके सारे रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे.

रामनवमी में दुर्गा देवी की पूजा क्यों होती है?

फोटो:गूगल

कहते


हैं कि जब राम-रावण युद्ध चल रहा था तब राम ने युद्ध में विजय पाने के लिये दुर्गा देवी की नौ रात्रि का अनुष्ठान किया था. नवें दिन दुर्गा देवी ने राम को प्रकट होकर विजय का आशीर्वाद दिया था.

भक्त जन राम की पूजा के साथ ही दुर्गा देवी की भी पूजा अर्चना करते हैं, और नवें दिन कन्या पूजन कर व्रत का समापन करते हैं.

 फोटो:गूगल


  

 

 

 

 

 

   

 

 

 

 

 

 

 

  

 

 

 

 

 

 

 

 

 

  

 

 

मंगलवार, 9 अप्रैल 2024

Time

 "With the clock tickling...


The bird of time kept flying...
I used to be so proud of having time tied on my wrist... then
...?
At that time I did not know the importance of time..!
It seemed as if everything was within my control...

The waves of the ocean explained many things to me,many times.
Did I understand?
This thirst like a well..?
The ocean surging in the eyes without any reason..!
Whose footsteps would I listen to in the ocean?
Who knows in whose thoughts the evening is falling..?
The humming sunlight of the morning...
would often touch me and indicate your presence somewhere...

With  the clock ⏰  tickling
 !

I would sometimes unknowingly write a name...
on the sand... then!
The waves burn with jealousy..!!
I did know ..?
The indelible game of fate...
Has the creator's mathematics been manipulated?
No... I counted...
everything was fine..!

Time became tangible again..
saying this..?
That...
you don't mourn me...
whatever happens, let it happen... I was yours
even then...
I am today...
and I will be there tomorrow too..!!"



सोमवार, 8 अप्रैल 2024

Surya Grahan aur 12 Rashiyon par uska Prabhav

 Effect of solar eclipse on twelve zodiac signs




However, this time the total solar eclipse was not visible in India. Still, based on astrology,
the solar eclipse will have different effects on the twelve zodiac signs. Let's find out.

1. Aries-
The pending work of people belonging to this zodiac sign will be completed slowly. You will overcome your worries. Feelings of love and compassion will awaken in the mind. Interaction with new people will increase.

2. Taurus -
This year will be auspicious for people of Taurus zodiac. There will be an increase in wealth. There will be a possibility of a long journey. You will get to know a new place and new people.

3. Gemini-
The first solar eclipse of this year will be lucky for the people of this zodiac sign. If you are married then your marriage will be auspicious. There will be a possibility of earning money. Can construct a house.

4.Cancer-
People of this zodiac sign will see positive emotions in most of the works. You will get relief from worries. There is a possibility of recovery.

5. Leo -
There is going to be huge profit in your business. Your reputation in the society will increase. But suddenly the expenses will increase. Keep an eye on savings.

6.Virgo -
For these people, this year's solar eclipse will affect many things. Keep your morale good.
There is a need to pay attention to your health.

7.Libra -
People with these zodiac signs will complete the work they start soon. There are chances of traveling abroad. You will make contacts with good people who will prove helpful to you in future.

8. Scorpio –
There will be chances of starting new work. Invest your money wisely somewhere. You will be overpowered by the opposing side.
A new avenue of revenue will open.

9. Sagittarius-
There will be a lot of workload for these people. The mind may become very agitated. Be patient. Your opponents will place many obstacles in your path. But you will be able to overcome all obstacles.

10.Capricorn-
The first solar eclipse of this year will bring mixed results for Capricorn people. If you are a businessman then invest money in new business carefully. Take care of your health.

11.Aquarius-
If you are doing any new work then work very hard.
You will definitely get success. Your public contact will increase. There will be a possibility of travel.


12.Pisces-
It will be a year of working hard for Pisces people. New work will be done, new experience will be gained. Good contact will be made with family members. The mind will be happy.





रविवार, 7 अप्रैल 2024

Eclipse

 



ग्रहण
1. ग्रहण किसे कहते हैं
हिंदी  में एक मुहावरा प्रचलित है___
'ग्रहण लग जाना' अर्थात किसी का बुरा दिन आ जाना।
      सौर मंडल में भी ग्रहण लगते हैं।
       .सूर्य ग्रहण और
        .चंद्र ग्रहण
एक ग्रह जब किसी दूसरे ग्रह के स्वाभाविक आकर्षण को हर लेता है तब खगोलीय भाषा में इसे ग्रहण कहते हैं।
एक होता है आंशिक जिसमें सूर्य या चंद्रमा का  एक अंश मात्र  कुछ समय के लिए दूसरे ग्रह से ढक जाता है। दूसरा होता है पूर्ण ग्रहण। इस काल में पूरा ग्रह दूसरे की छाया में आ जाता है और अचानक धरती पर अंधेरा छा जाता है। आकाश में तारे भी नज़र आने लगते हैं।
       
2. सूर्य ग्रहण की परिभाषा
      सौर मंडल में जब चांद , पृथ्वी और सूरज के बीच से गुजरता है तब चांद के पीछे सूर्य  कभी आंशिक रूप से तो कभी पूर्ण रूप से ढक जाता है। ऐसी अवस्था में  सूरज की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती है।

3. सूर्य ग्रहण कब  होता है?
      सूर्य ग्रहण अमावस के दिन होता है।

4. अमावस को ही क्यों सूर्य ग्रहण होता है?
      यह एक खगोलीय घटना है। जिस अमावस पर सूरज और चांद एक ही अंश पर हों और उनका सीधा संबंध राहु और केतु नामक पिंड से बन जाए,  तब उस अमावस पर सूरज का ग्रहण लग जाता है।

___आंशिक सूर्य ग्रहण:-
a. जब चांद, सूरज और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, सूरज का कुछ हिस्सा चांद से ढक जाता है तब उस स्थिति कोआंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं।

b. पूर्ण सूर्य ग्रहण:-
जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और सूरज  चांद की छाया से पूरी तरह ढक जाता है तब पूर्ण सूर्य ग्रहण लगता है।

5. सूर्य ग्रहण का महत्व

हिंदू धार्मिकता के आधार पर सूर्य ग्रहण को बहुत महत्वपूर्ण समझा जाता है। हालांकि ग्रहण के समय सूर्य की किरणों को अशुभ माना जाता है इसीलिए हिंदू धार्मिकता का संज्ञान रखने वाले लोग कोई भी शुभ कार्य, ग्रहण के समय नहीं करते हैं। उस समय खाना बनाना वर्जित माना जाता है और पहले से बने खाद्य पदार्थ पर तुलसीदल रखा जाता है।

6. जड़-चेतन पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव

a. गांव में मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को सोने न दिया जाय।उस दिन उन्हें चाकू से किसी भी चीज़ को काटना मना होता है। मान्यता है कि इस नियम का पालन न करने से बच्चा जनम लेने से होंठ कटा होता है।
दूसरी मान्यता जड़ पदार्थ को लेकर भी है। जब कोई  फल का वृक्ष। बांझ हो जाता है तब सूर्य ग्रहण के दिन उसपर आरी चलाया जाता है तब कोई दूसरा व्यक्ति मना करता हुआ कहता है___"इस पेड़ को मत काटो, बहुत जल्द ही यह बांझ वृक्ष फल देने लगेगा।"
(यह मानी हुई बात है और मैंने स्वयं इस परिणाम को फलीभूत होते देखा है। मेरी अपनी राय है।)

7. ज्योतिष  शास्त्र में ग्रहण का अपना अलग महत्व है।
सूर्य ग्रहण किन किन राशियों पर शुभ फल प्रदान करता है और किन  राशियों पर अशुभ प्रभाव डालता है, यह ज्योतिषाचार्यों का अपना अलग विषय है।

8. 2024 में कब सूर्य ग्रहण होगा?
इस साल 8 अप्रैल को पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा।  लेकिन भारत में यह दृश्य नहीं होगा।
यह सूर्य ग्रहण western Europe, Atlantic, Mexico, North America, Canada,South America, Ireland आदि देशों में दिखाई  देगा।
      इस बार  का सूर्य ग्रहण बहुत ही अद्भुत दृश्य लेकर आएगा और इसकी अवधि 5 घंटे 25 मिनट होगी।
यह पूर्ण  सूर्य ग्रहण इसके पहले आखिरी बार 1970 में दिखा था। अब 54 साल बाद 8 अप्रैल 2024 को दिखेगा। अगली बार पूर्ण  सूर्य ग्रहण 2078 में होगा।

Eclipse,EarthDay

Breastfeeding week

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