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गुरुवार, 22 फ़रवरी 2024

Jealousy जलन क्या होती है?

Jealousy जलन क्या चीज़  होती है?

आपको नहीं  पता क्योंकि आप खुशमिज़ाज इंसान  है। आप खुद  भी खुश रहते हैं  और हर किसी  को  खुश  देखना चाहते हैं।

आप जीवन में  बहुत कुछ  करना  चाहते  हैं  और करते  भी हैं  लेकिन  आपको  पता भी हैं  कुछ लोग  आपकी अच्छाइयों  से जलते भी हैं?

आपको  कितना नुकसान  पहुँचाया जाता  है लेकिन  आपको  पता भी नहीं  चलता अगर एहसास  भी होता है  तो आप ईश्वर  की मर्जी समझते हैं।

 

बुधवार, 14 फ़रवरी 2024

आइना Aina

 






मेरा आइना.....!
मेरे चेहरे की नहीं...!
मेरी रूह की झलक कहीं ज्यादा दिखलाता है.

हर शख्स रूप का पुजारी...!
जबकि-
मेरा आइना....!
मुझे फीकी मयंक सा-
भोर के उजाले में...!
मेरा अक्ष दिखलाता है..!

मेरा एक कदम जश्न-ए-दिवार से टकराता..!
जबकि-
दूसरा कदम....!
एक पारदर्शी दिवार पर रूकता  है...!!.

मैं लड़ती किससे...!
मेरे वजूद का क्या हश्र होता...?

मैं परेशां हूँ....!
इस कदर....!
और पूछती हूँ सबसे..!
मेरा आइना टूटता क्यों नहीं है...?
_कुंती.






Valentine

 '‘प्रेम के कुछ बंधन ऐसे भी होते हैं....!

जिससे-

हम प्रेमसूत्र में तो बंधते हैं.....!

यह जाने बगैर कि-

कि हम चाहते क्या है...?

हमरे मन में एक अंधे कुएँ सी-

प्यास जागती है...!!


कितने रिश्ते पनपते हैं उस प्रेम से....

हमारे आस पास....!

हम बांध नहीं पाते हैं जिन्हें...!

वक्त से शिकायत रहती है अक्सर...!

यह जाने बिना कि-

वक्त हमें कितना कुछ दे जाता है...!


बेवफ़ा हम नहीं तो कौन है...?

और...

कितने संवाद करते हैं हम-

अपने मन के खोखले होते खण्डहर से...!


जितना भी हम जियें...!

लम्बी उमर लेकर नहीं..!

खुशानुमा जिंदगी  जीकर...!!



Photo:Pinterest


Kali Raat





वह काली अंधेरी रात

कैसे भूल पाऊंगी वह काली अंधेरी रात
एक झटके में___ मानो
जैसे मैं काली ग्ह्वर में समाती चली गयी ।

मैं चीख चीख के कह रही थी __
"मैं अभी जिंदा हूं।
मुझपर रहम करो
मुझे इस ब्लैक होल से बाहर निकालो।
लेकिन किसीने मेरी एक न सुनी।
सब अपना अपना राग अलापते रहे।
सब को अपने मशहूर होने की फ़िक्र थी।

हर कोई बढ़ चढ़ कर अपना प्यार मुझ पर जताता रहा।
लोगों का शोर बढ़ता गया,बढ़ता गया
अंततः, उस शोर में मेरी आवाज़ क्षीण होती गयी।
मुझे मृत घोषित कर दिया गया।
श्वेत फूलों से मुझे ढक दिया गया।
ऐसे कि ___
मेर लहूलुहान जिस्म  न दिखे।
आह! ___
मेरी विदाई शोक गान से सबकी आंखें भर आती।


मैं भी रो पड़ी अपनी बेबसी पर
मैं तो जिंदा रहना चाहती थी
अपनों के बीच
अपने बच्चों के बीच
आजीवन प्यार लुटाती हुई।
हवा में फैली खुशबू की तरह।

VEIL Ghunghat

 घुँघट की आोट से जितने गाने मैं तुमको सुना चुकी हूँ

उतनी बार तो शायद ___
चाँदनी सागर की लहरों पर थिरकी नहीं होगी ?
अब कौन सा गीत तुम सुनना चाहते हो..?
जबकि सारे मौसमों के गीत मैं सुना चुकी हूं...!
*
हवा जाने क्या गुनगुनाता है..?
कुछ शब्दों के मकड़जाल में उलझ जाती हूँ..!
कितना सोचती हूँ..!
सोच-सोच कर दिमाग खाली हो जाता है।
एक शून्य बाहर और भीतर घिर आता है.!⁹
एक अधूरापन..
मन को सालता है..!
तब कोई ज्ञान की बातें मुझे रास नहीं आता है...!
*
__


गुरुवार, 18 जनवरी 2024

शबरी के राम


 

शबरी कौन थी?
आज के संदर्भ में सब जानना हैं कि आखिर शबरी कौन थी और वह राम के लिए  इतना महत्वपूर्ण क्यों थी?

वास्तव में शबरी को सबर का पर्याय कहा जाए  तो अतिशयोक्ति न होगी।
जिंदगी भर अनदेखे  किसी के नाम का जाप करना और उसकी प्रतिक्षा करना श्रद्धा और और प्रेम की पराकाष्ठा ही तो है।
शबरी भीलनी होते हुए दयालु थी। वह भीलों के सरदार की बेटी थी।उसका असली नाम श्रमणा थी।
कहते हैं कि वह अपने पूर्व जन्म में शापित थी और उस शाप से राम ही उसको मुक्ति दिला सकते थे
वह मातंग ॠषि की बहुत सेवा की थी। मातंग ऋषि दिवंगत होने से पहले शबरी को अपने आश्रम में रहने की अनुमति दे दी थी और कहा था ___
" शबरी तुम यही कुटिया में रहना। इसी मार्ग से राम लक्षमण गुजरेंगे। तुम उनका स् स्वागत करना।  तुम्हारा कल्याण होगा। तभी से शबरी राम की राह निहारती है।
कभी रास्तों को फूलों से सजाती है तो कभी बेर चक चक कर राम के ल रखती है। 

रविवार, 5 नवंबर 2023

Ghost

हव्वा के प्यार में....!
माना..!
आदम ने शैतान का सेब खाया...!
क्या दोषी था आदम...?
या हुआ था उसके विश्वास का हनन...!
.
शैतान का मकसद क्या था...?
हव्वा को पाना....?
इस प्रश्न को लेकर .....!
उलझा है सारा संसार...!
.
आदम और हव्वा...!
चुका रहे हैं आज भी...!
शैतानी सेब की कीमत...!
और...!
शैतान ढूँढ़ रहा है...!
दूसरे ग्रहों पर....!
एक और हव्वा...!!

Eclipse,EarthDay

Breastfeeding week

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