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शनिवार, 22 जून 2024

RAIN FOREST DAY

                      RAIN FOREST DAY वर्षावन दिवस 


विश्व वर्षावन मनाने का उद्देश्य है लोगों के मन में वन के प्रति लगाव, महत्व और जागरूकता बढ़ाना है
• सभी को वर्षावनों की रक्षा के लिए लड़ाई में शामिल होने के लिए कुछ समय निकालने के लिए प्रोत्साहित करना है।
लोग वनों को तरह तरह से पारिभाषित करते हैं।जैसे___
• जंगल एक बड़ा हरा-भरा जंगली क्षेत्र होता है जो प्राकृतिक रूप से बढ़ता है।




• जंगल आमतौर पर पेड़ों, घनी वनस्पतियों और जानवरों से भरा एक बड़ा क्षेत्र होता है।
• वे हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का एक अनिवार्य हिस्सा हैं जिन्हें संरक्षित और संरक्षित किया जाना चाहिए।
• पृथ्वी पर वन क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा कवर करते हैं।
• वे एक आवश्यक प्राकृतिक संपत्ति हैं और उनका बहुत महत्व है।
• पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं।



• चूँकि जंगल ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं, इसलिए उन्हें पृथ्वी के हरे फेफड़े के रूप में भी जाना जाता है।


• जंगल अनमोल संसाधन हैं जिन्हें संरक्षण की आवश्यकता है।
वे पौधे और पशु साम्राज्य की असंख्य प्रजातियों का घर है।


मनुष्यों को जंगल के संसाधनों का उपयोग करना सीखना चाहिए और प्रकृति को बचाने में मदद करने के लिए उन्हें संरक्षित करना चाहिए।


वर्षावन दिवस हमें  क्यों मनाना चाहिए?

• वर्षावनों में मूल्यवान पौधों, पेड़ों और हरियाली को बचाने तथा जनजीवन में जागरूकता लाने के लिए वर्षावन दिवस एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है।
• वर्षावन दिवस एक ऐसा दिन है जब आपको वर्षावनों की दुनिया और पृथ्वी पर जीवन का समर्थन करने में उनकी भूमिका की खोज करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
वर्षावन दिवस _वर्षावनों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनकी सुरक्षा और संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित दिन है।

 

विश्व वर्षावन दिवस 2024 का विषय है __
• 'हमारे वर्षावनों की रक्षा में विश्व को सशक्त बनाना।'


इस वर्ष की थीम : 2024 है (The Year Of Action)अर्थात् कार्यवाही का वर्ष।
• कार्रवाई का वर्ष। यह सभी क्षेत्रों, सभी देशों, सभी मनुष्यों के लिए एक वैश्विक आह्वान है।
• आप ग्रह के लिए कैसे सामने आएंगे?
• वनों की कटाई को समाप्त करने और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए नए समाधानों की आवश्यकता नहीं है - इसके लिए तत्काल और निरंतर कार्रवाई की आवश्यकता है


वन को वर्षा वन क्यों कहा जाता है?

•  "वर्षा" वन इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां प्रति वर्ष बहुत अधिक वर्षा होती है।
• वर्षा वनों में वार्षिक वर्षा कम से कम 100 इंच (254 सेंटीमीटर) और अक्सर इससे भी अधिक होती है।
वन दिवस क्यों मनाया जाता है?

पृष्ठभूमि। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2012 में 21 मार्च को विश्व वर्षावन दिवस घोषित किया था।
विषय __'हमारे वर्षावनों की रक्षा करना,विश्व को सशक्त बनाना।'
जिससे सभी प्रकार के वनों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।



Famous quotations:-
1. We inter-breathe with the rain forest, we drink from the Ocean.They are part of our own body.~Thich Nhat Hanh.
2. Enter Silence.Let NATURE heal you of everything that hurts.~Federick AR.
3. We are aware only of the empty space in the FOREST, which only Yesterday was filled with trees.~Anna Freud.

4.



गुरुवार, 20 जून 2024

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

 अंतर्राष्ट्रीय योग  दिवस 21 June को हर साल मनाया जाता है।

हर साल एक विषय (Theme) रखा जाता है।
इस साल 2024 की थीम है-
(स्वयं और समाज  के लिए योग)
                   YOGA for Self Society

 
योग दिवस के विषय में जानें:-

• योग-अभ्यास और इसके लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 21 जून को मनाया जाने वाला एक वैश्विक उत्सव है
•  इस दिन योग-अभ्यास के माध्यम से शारीरिक- मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया जाता हो।
• भारत में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत 21 जून 2015 को हुई थी।

               दसवीं अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 की थीम

 "महिला सशक्तिकरण के लिए योग" को भी समर्पित है।
(YOGA for Women Empowerment)
यह थीम महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें स्वस्थ- खुशहाल जीवन जीने के लिए प्रेरित करना।

योग दिवस के LOGO लोगो मिलन का प्रतीक है।

 
LOGO में दोनों हाथों जोड़ना योग मिलन का प्रतीक माना जाता है
• यह सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना के मिलन को दर्शाता है।
• मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति के बीच के मिलन का भी प्रतीक है।
हरी पत्तियां पृथ्वी तत्व का प्रतीक हैं।



• महर्षि पतंजलि - जिन्हें सही मायने में "योग का जनक" कहा जाता है।अपने "योग सूत्रों" में योग के विभिन्न पहलुओं को व्यवस्थित रूप से संकलित और परिष्कृत किया।
• महर्षि पतंजलि के अनुसार चित्त की वृत्तियों को चंचल होने से रोकना (चित्तवृत्तिनिरोधः) ही योग है
• महर्षि पातंजलि ने योग के आठ नियमों (भागों) में बांटा है। जिसे अष्टांग योग कहते हैं।



योग की परंपरा भारतीय समाज में हजारों सालों से है। योग को भारत में करीब 26,000 साल पहले की देन माना जाता है।


योग के पहले गुरु
• भगवान शिव योग की सभी मुख्य प्रथाओं के मानव रूप हैं।
•  आसन, प्राण, मंत्र, आंतरिक दृष्टि और ध्यान के मूल और शासक शक्ति के रूप में, वे सर्वोच्च आत्म-जागरूकता को दर्शाने वाले परम योग गुरु हैं।
•  शिव को महान योगी माना जाता है जो पूरी तरह से अपने आप में लीन हैं - पारलौकिक वास्तविकता।
• शिव ही योगियों के भगवान और ऋषियों के योग के शिक्षक हैं।

योग विद्या में शिव को "आदि योगी" तथा "आदि गुरू" माना जाता है।
• भगवान शंकर के बाद वैदिक ऋषि-मुनियों से ही योग का प्रारम्भ माना जाता है।
• बाद में कृष्ण, महावीर और बुद्ध ने इसे अपनी तरह से विस्तार दिया। इसके पश्चात पतञ्जलि ने इसे सुव्यवस्थित रूप दिया।

                            सूर्य नमस्कार का महत्व 



सूर्य नमस्कार का महत्व

सूर्य नमस्कार के 12 आसन होते हैं:-
1. प्रणामासन,
2. हस्तोत्तानासन,
3. हस्तपादासन,
4. अश्व संचालनासन,
5. दंडासन,
6. अष्टांग नमस्कार,
7. भुजंगासन,
8. अधोमुख श्वानासन,
9. अश्व संचालनासन,
10. हस्तपादासन,
11. हस्तोत्तानासन
12. ताड़ासन 

(नित्य सूर्य नमस्कार करने से शरीर और मन स्वस्थ, चुस्त और दुरुस्त रहते हैं।)
(भारत देश के प्रधान मंत्री/ श्री नरेंद्र मोदी/छायाचित्र ANI के सौजन्यसे)
विश्व में योग दिवस की शुरूआत

पहली बार 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था.
•  उसी वर्ष 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी.
•  इस प्रस्ताव को 177 देशों का समर्थन मिला था.
•  पहली बार विश्व में योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था. 

मंगलवार, 18 जून 2024

JAMUN जामुन/Blackberry

                           JAMUN जामुन/ Blackberry 


जामुन छोटे बीज और अच्छी मात्रा में गूदा और आकार में बड़ा होता है। यह फल बहुत रसीला और मीठा होता है। यह किस्म आमतौर पर मानसून शुरू होने से पहले जून-जुलाई में पक जाती है
जामुन बहुत कम समय के लिए होता है।

जामुन का वैज्ञानिक नाम (Syzygium cumini)  है। यह मिर्टेसी कुल का सदस्य है।
यह एक सदाबहार वृक्ष है जिसके फल बैंगनी रंग के होते हैं। यह वृक्ष भारत एवं दक्षिण एशिया के अन्य देशों एवं इण्डोनेशिया, और हिंद महासागर के ट्रोपिकल द्वीपों में बहुतायत से पाये जाते हैं।

जामुन को काला जामुन, ब्लैक प्लम या भारतीय ब्लैक बैरी नाम से भी जाना जाता है।
• इसका उत्पत्ति स्थान भारत है।
• यह मिर्टेसी कुल का सदस्य है।
• इसकी भारत में अनेक जंगली प्रजातियाँ भी मिलती हैं।
•  देश में दक्षिण में मद्रास से लेकर उत्तर में गंगा-सिंधु  के मैदानों तक इसका उत्पादन किया जाता है।
• इसके वृक्ष हिमालय के निकट तराई प्रदेश में लगभग 3000 फीट की ऊंचाई तक पाया जाता है।
• कुमाऊं की पहाड़ियों पर 5000 फीट की ऊंचाई तक जामुन के पेड़ देखे जा सकते हैं।

Photo Credit: Wikipedia 

जामुन के औषधीय गुण
आयुर्वेद में जामुन को स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभप्रद बताया गया है:-


जामुन खाने के फायदे

• हीमोग्लोबिन में सुधार करता है ।
  • जामुन खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है।



• वजन घटाने में मददगार होता है।
• सांस संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है।

• जामुन में कसैले गुण होते हैं ।

• हार्ट प्रॉब्लम्स को दूर करता है।

• डायबिटीज में फायदेमंद होता है।

• इंफेक्शन कम करता है।

विशेष: जामुन के औषधीय गुण  का लाभ उठाने के लिए अपने आयुर्वेद वैद्य से जरूर सलाह लें।

जामुन तासीर ठंडी होती है।
•  इसका सेवन आप गर्मी में लू, हीट स्ट्रोक से बचने के लिए किया जाता है।
• जामुन खाने से पेट को ठंडक मिलती है.
•  जलन, गैस आदि से बचाव होता है.
• डायबिटीज के मरीजों के लिए भी जामुन बेहद फायदेमंद फल है.



जामुन का सिरका के गुण/ लाभ और नुकसान

• जामुन का सिरका शरीर को रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है।
• जामुन सिरका एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है जो शरीर की रोगों से सुरक्षा करता हैं।

• पाचन क्रिया को सुधारता है।
•  जामुन सिरका पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है।

• डायबिटीज के नियंत्रण में सहायक होता है।
• जामुन सिरका मधुमेह के नियंत्रण में मदद करता है।
विशेष: जामुन के सिरके का प्रयोग अपने वैद्य से पूछ कर ही करें। अन्यथा लाभ के बजाय हानि हो सकता है।


जामुन  का धार्मिक महत्व 


•  भगवान मेघ - बादलों के देवता - जामुन के रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुए थे।
• उनका रंग काले बादल के समान है।
• यह फल मानसून के मौसम से जुड़ा हुआ है और नाग पंचमी के त्योहार के दौरान अनुष्ठानों का हिस्सा है।
• जामुन को देवताओं का फल भी कहा जाता है।


मंदिर के मुख्य देवता जंबुकेश्वर हैं, जो जल तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जंबुकेश्वर को जामुन के पेड़ के नीचे बैठे हुए दर्शाया गया है, जो एक छोटी सी धारा के ऊपर उगता है जो बरसात के मौसम में देवता को घेर लेता है।

चूंकि जामुन  बरसात के मौसम में ही पकता है। अतः कहते हैं कि राम अपने बनवास के समय जब दो महिने गुफ़ा में रहे थे तब उनका आहार  जामुन ही था।

सोमवार, 17 जून 2024

DESERTIFICATION

 जानें मरुस्थलीकरण (Desertification)का मतलब



1. मरुस्थलीकरण प्राकृतिक प्रक्रियाओं और मानवीय गतिविधियों के संयोजन के कारण उपजाऊ भूमि के शुष्क रेगिस्तान में क्रमिक भूमि क्षरण का एक प्रक्रिया है
2. मरुस्थलीकरण वह क्षरण प्रक्रिया है जिसके द्वारा उपजाऊ भूमि अपने वनस्पतियों और जीवों को खोकर रेगिस्तान में बदल जाती है ।
3. यह सूखे, वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन, मानवीय गतिविधियों या अनुचित कृषि के कारण हो सकता है।
4. मरुस्थलीकरण भूमि के क्षरण की एक प्रक्रिया है जो
शुष्क क्षेत्रों का  प्रसार विभिन्न कारकों के कारण होता है_ जैसे मानव गतिविधि के परिणामस्वरूप मिट्टी का अत्यधिक क्षरण होना।

5. मरुस्थलीकरण(Desertification) के सर्वाधिक कारणों में शामिल हैं निम्न बातें_

• अधिक जानवरों को चराना
• अत्यधिक खेती बाड़ी
• आग में वृद्धि
• पानी को घेरे में बन्द करना
• वनों की कटाई
• भूजल का अत्यधिक इस्तेमाल करना
•  मिट्टी में अधिक लवणता का बढ़ जाना
और वैश्विक जलवायु परिवर्तन 
राजस्थान में मरुस्थलीकरण (Desertification)

• धरती के भूमि क्षेत्र का लगभग एक-तिहाई भाग इसी प्रकार की भूमि से बना है।



मरुस्थलीकरण (Desertification)का दूसरा  वर्णन जानें।

मरुस्थलीकरण से तात्पर्य  है_
• जलवायु परिवर्तन
•  मानवीय गतिविधियों के कारण शुष्क भूमि पारिस्थितिकी तंत्र के लगातार क्षरण 
• यह सभी महाद्वीपों (अंटार्कटिका को छोड़कर) पर होता है ।
• शुष्क भूमि में रहने वाले गरीबों का एक बड़ा हिस्सा भी शामिल है।


मरुस्थलीकरण के चार कारक :-

मरुस्थलीकरण उन कारकों के संयोजन के कारण होता है जो समय के साथ बदलते हैं और स्थान के अनुसार बदलते रहते हैं।
1.  अप्रत्यक्ष कारक जैसे जनसंख्या दबाव
2.  सामाजिक आर्थिक
3.  नीतिगत कारक
4. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के साथ-साथ प्रत्यक्ष कारक जैसे भूमि उपयोग पैटर्न और प्रथाएं।
5. जलवायु-संबंधित प्रक्रियाएं 

हर साल एक थीम को दृष्टि में रख कर काम किया जाता है
2024 का थीम है___"भूमि के लिए एकजुट "
Theme__"United for Land,
                  Our Legacy, Our Future.
बॉन, जर्मनी (Bonn,Germany)17 जून 2024 -


• स्थायी भूमि प्रबंधन के समर्थन में सभी पीढ़ियों को संगठित करना ।
• मरुस्थलीकरण और सूखा दिवस 2024 का केंद्रबिंदु है।
       जिसे 17 जून को मनाया जाता है।
• भूमि क्षरण और सूखे से निपटने के वैश्विक प्रयास में एक महत्वपूर्ण क्षण है।
बॉन(Bonn) में संघीय आर्थिक सहयोग और विकास मंत्रालय (BMZ) के माध्यम से जर्मनी (Germany) के संघीय गणराज्य(Federal Republic  of Germany)द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम:-



"भूमि के लिए एकजुट,हमारी विरासत,हमारा भविष्य" (United for Land: Our Legacy: Our Future)


थीम के तहत दुनिया भर के परिवर्तनकर्ताओं को एक साथ लाया गया।

मरुस्थलीकरण क्या है Drishti IAS?

मरुस्थलीकरण एक ऐसी भौगोलिक घटना है, जिसमें उपजाऊ क्षेत्रों में भी मरुस्थल जैसी विशिष्टताएँमरुस्थलीकरण से कैसे बचा जा सकता है

• मरुस्थलीकरण की रोकथाम के लिए वनस्पति आवरण का संरक्षण एक प्रमुख साधन हो सकता है
• मिट्टी को हवा और पानी के कटाव से बचाने के लिए वनस्पति आवरण बनाए रखना मरुस्थलीकरण के खिलाफ एक प्रमुख निवारक उपाय है।




 
रेगिस्तान कैसे बचा सकते हैं?

रेगिस्तान को बचाने के लिए मुख्य तरीके इस प्रकार है__

• वृक्षारोपण और बीजारोपण:
• रेगिस्तान के अनुकूल वनस्पतियों का सावधानीपूर्वक और रणनीतिक रोपण
• इन पारिस्थितिकी तंत्रों के प्राकृतिक संतुलन को बहाल करने में मदद कर सकता है।
• जल प्रबंधन - शुष्क रेगिस्तानी परिस्थितियों में जल संसाधनों का कुशल उपयोग और संरक्षण महत्वपूर्ण है।
मिट्टी के गुणों में हेरफेर, और आवरण प्रदान कर
रेगिस्तान को  बचाना चाहिए?
• रेगिस्तानी पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण आवश्यक है क्योंकि वे पौधों, जानवरों और मनुष्यों को समर्थन देने वाली जैव विविधता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।
• इस सम्मेलन की एक हस्ताक्षरकर्ता और प्रतिबद्ध समर्थक है, मरुस्थलीकरण और सूखा दिवस 2024 (जिसे मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस 2024 के रूप में भी जाना जाता है) के वैश्विक पालन की मेजबानी करेगी।
• आर्थिक सहयोग और विकास मंत्रालय (BMZ) और बॉन शहर के सहयोग से, जो 1999 से UNCCD सचिवालय का घर है, सार्वजनिक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी।

• मरुस्थलीकरण और सूखा दिवस 2024 के कार्यक्रमों में__
• एक फोटो प्रदर्शनी
• शैक्षिक कार्यक्रम और संगीत प्रदर्शन शामिल होंगे।
•  इस वर्ष की थीम के वैश्विक प्रसार को सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही एक सोशल मीडिया अभियान शुरू किया गया। 
• मरुस्थलीकरण और सूखा दिवस को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा " मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने के लिए विश्व दिवस" ​​के रूप में घोषित किया गया था ।

17 July-International Justice Day



17 July- International Justice Day 


 17 जुलाई विश्व अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस

• विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस हर साल 17 जुलाई को मनाया जाता है।
•  इसे अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्याय दिवस या अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस के रूप में भी जाना जाता है।
• यह दिन अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्याय की उभरती प्रणाली को मान्यता देता है।

विश्व अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस का इतिहास 

• 17 जुलाई 1998 को, 120 देश अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के रोम संविधि नामक एक संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए एक साथ आए।

•  इस स्थापना को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) के रूप में जाना जाने लगा ।

• यह हस्ताक्षर 1 जुलाई 2002 को अस्तित्व में आया।
• रोम संविधि पर हस्ताक्षर करने का जश्न तब से मनाने के लिए  हर साल अंतरराष्ट्रीय न्याय के लिए विश्व दिवस मनाया जाता है।

Theme 2024
हर साल विश्व अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस का एक थीम रखा जाता है।
2024 का विषय है-(Bridging Gaps, BuildingAlliancesअंतराल को पाटना, गठबंधन बनाना' ।
• इस वर्ष का विषय "सामाजिक न्याय के लिए बाधाओं को दूर करना और अवसरों को खोलना" है।
जो वैश्विक एकजुटता को मजबूत करने और सरकारों में 

विश्वास का पुनर्निर्माण करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) की
सिफारिशों पर केंद्रित है।सामाजिक न्याय का क्या महत्व है?


अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस का महत्व
सामाजिक न्याय का उद्देश्य एक ऐसे समाज को बढ़ावा देना है जो न्यायसंगत हो।
• विविधता को महत्व देता हो।
• अपने सभी सदस्यों को उनकी विकलांगता, जातीयता, लिंग, आयु, यौन अभिविन्यास या धर्म के बावजूद समान अवसर प्रदान करता हो।
• संसाधनों और समर्थन का उचित आवंटन सुनिश्चित करता हो उनके मानवाधिकारों के लिए न्याय संगत हो।
अंतरराष्ट्रीय न्याय के लिए विश्व दिवस का उद्देश्य आईसीसी के प्रयासों की सराहना करना और अंतरराष्ट्रीय अपराधों के पीड़ितों के लिए न्याय को बढ़ावा देने में सभी को एकजुट करना है।
• (ICC)आईसीसी ने मुख्य रूप से मानवता के खिलाफ अपराध (नष्ट करना, हत्या, आदि), नरसंहार ( एक समुदाय को नुकसान पहुंचाना), युद्ध अपराध (जानबूझकर पीड़ा, यातना देना, आदि), और आक्रामकता के अपराध (सैन्य कब्ज़ा, आदि) पर ध्यान केंद्रित करना है।



Some Famous Slogan

• "Well of Justice Grind Slow but Grind Fine".
-SUN TSU/a military General.-544BC.

• Your Dignity,Your Integrity, and Your Rights are Help Up by Justice.
--Patricia McAm
• JUSTICE doesn't Equal REVENGE.
-Carl Elis Jr.
• NOTHING CAN CAUSE NATIONS
      TO FLOURISH LIKE JUSTICE.
       -IMAM ALI (AS)

रविवार, 16 जून 2024

16June-International Day of Family Remittances

 16 June- अंतरराष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस


पहले जान लें Remittance का मतलब क्या होता है।
भारत से बाहर काम कर रहे भारतीय खाड़ी देश, अमरिका, और ब्रिटेन जैसे विकसित देश में डॉक्टर,  इंजीनियर, शोफर की नौकरी कर करते हुए  जब भारत में अपने परिवारों को धनराशी भेजते हैं तो उसे रेमिटेंस ((Remittance) कहते हैं।


अनेक देशों के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित करने के लिए एक महत्वपूर्ण जरिया है Remittance.
भारत जैसे विकासोन्मुख देशों की अर्थव्यवस्था में इसका महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है।
धन प्रवासी भी भेजते हैं।
(NRIs) भारतीय प्रवासी बरसों से भारत देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करते आए हैं।
आज भारत विश्व में तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।
प्रवासी भारतीय अपने देश को रेमिटेंस भेजने के मामले में सबसे आगे हैं।

धन-प्रेषण और भुगतान में क्या अंतर है?

धन-प्रेषण किसी बिल के जवाब में भेजा गया भुगतान होता है।
यह एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भेजे गए धन का वर्णन करने के लिए  किया जाता है।

जैसे:-
जब अमेरिका में कोई व्यक्ति किसी दूसरे देश में अपने परिवार या दोस्तों को पैसे भेजता है, तबवे धन-प्रेषण भेज रहे होते हैं।

हर साल 16 जून को International Day of Family Remittances यानि पारिवारिक प्रेषण का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।

 
यह दिन दुनिया भर में लगभग 800 मिलियन परिवार 
के सदस्यों के जीवन को बेहतर बनाने लिये 200 मिलियन से अधिक प्रवासियों द्वारा दिए गए योगदान को चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है।

2024 में इंटरनेशनल डे ऑफ फैमिली रेमिटेंस को “Building resilience in times of crisis” की थीम पर मनाया जाएगा.2024 में इंटरनेशनल डे ऑफ फैमिली रेमिटेंस को “Building resilience in times of crisis” की थीम पर मनाया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय परिवार प्रेषण दिवस की थीम 2024 

अंतर्राष्ट्रीय परिवार प्रेषण दिवस (International Day Of Family Remittances ) की थीम हर साल बदलती रहती है। 

अंतर्राष्ट्र्रीय प्रेषण दिवस हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है।
इस साल 2024 के लिए अंतर्राष्ट्रीय परिवार प्रेषण दिवस की थीम “प्रेषणों में निवेश, समावेश और नवाचार के लिए एक बेहतर भविष्य” निर्धारित के गई है।
यह थीम प्रवासियों और उनके परिवारों के जीवन में सुधार के लिए प्रेषणों की क्षमता पर प्रकाश डालती है।

अंतर्राष्ट्रीय पारिवारिक प्रेषण दिवस का विषय क्या है?

अंतर्राष्ट्रीय परिवार प्रेषण दिवस संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से घोषित एक अंतर्राष्ट्रीय महत्व का दिन है।
यह पूरी दुनिया के 200 मिलियन से अधिक प्रवासी कामगारों, महिलाओं और पुरुषों को मान्यता देता है, जो 800 मिलियन से अधिक परिवार के सदस्यों के घर पैसा भेजते हैं।

प्रेषित धन क्या है

प्रेषित धन वह धन है जो किसी अन्य पार्टी को भेजा जाता है, सामान्यत: एक देश से दूसरे देश में. प्रेषक आमतौर पर एक अप्रवासी होता है और प्राप्तकर्त्ता एक समुदाय/परिवार से संबंधित होता है. 
दूसरे शब्दों में रेमिटेंस या प्रेषण से आशय प्रवासी कामगारों द्वारा धन अथवा वस्तु के रूप में अपने मूल समुदाय/परिवार को भेजी जाने वाली आय से है।

ज्ञात  हो कि विश्व में प्रेषित धन या रेमिटेंस का सबसे बड़ा प्राप्तकर्त्ता भारत है.
Photo credit:Google 

जानें परिवार प्रेषण के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के बारे में


IDFR संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा अपनाया गया एक सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त है.

इन उद्देश्यों के लिए IDFR का संरक्षक संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD) है.

IFAD एक विशेष संयुक्त राष्ट्र (UN) एजेंसी है जो विश्व खाद्य सम्मेलन 1974 के प्रमुख परिणामों में से एक थी. बाद में 1977 में, इसे एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान के रूप में

शनिवार, 15 जून 2024

15June-World Elder Abuse Awareness Day

 15 June - World Elder Abuse Awareness

Day  __ विश्वबुजुर्ग जागरूकता  दिवस .
The day was officially recognised by the United Nations General Assembly.
15 June 2006 को विश्व वुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस (WEAAAD) की शुरुवात हुई ।
इसका उद्देश्य है __ वृद्धजनों के प्रति
सेवाभाव रखना,उनकी देखभाल  करना इत्यादि।
बहुत  से ऐसे संस्था हैं जो विशेष कर बुजुर्ग जनों की सेवा के लिए ही है।
वहां से सहायता ले सकते हैं।

इस साल 2024 का थीम है____
"आपातकाल में वृद्ध व्यक्तियों पर स्पॉटलाइट"
• उम्र बढ़ना प्रकृति की स्वाभाविक प्रकृया है।
• हर किसी को इस प्रकिया से गुज़रना पड़ता है।
दुनिया भर में 15 June को ' विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस  मनाया जाता है।
• 2011 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव 66/127पारित कर के इंटरनेशनल नेटवर्क फॉर द प्रिवेंशन ऑफ एल्डर एब्यूज़ के अनुरोध के बाद  आधिकारिक रूप से ' वल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे' मनाने की मान्यता  दी।

बहुत से बुजुर्ग अकेले रहते हैं तो मुहल्ले के लोग बारी - बारी से जाकर उनकी मदद करें।
• उनसे मिलें।
• उनके साथ बैठकर उनके पसंद का खाना खाएं।
• उनहें किसी पार्क में ले जाएं। वहां लोगों से मिलाएं।
• उनकी बी पी, सुगर इत्यादि चेक करें।
• उनको हल्का-फुल्का व्यायाम सिखाएं।
अक्सर  बुजुर्ग बाथरूम में गिर जाते हैं।
• बाथरूम में रबर का मेट बिछाएं।
• उनके लिए बाथरूम का विशिष्ट सीट लगाएं।
• उनको छड़ी के सहारे चलने की आदत डलवाएं।
आज के आधुनिक समाज में बुजुर्गों की देखभाल करना एक समस्या बन गयी है।
High Education, हाई फाई जिंदगी, लग्ज़री फ्लेट में
रहना,बुजुर्ग अकेलेपन के शिकार हो जाते हैं।
• अगर देखा जाए तो उन बच्चों का कोई  दोष नहीं, बड़ी नौकरी , बड़ी कम्पनी की जिम्मेदारी, जहां खुद से लिए समय नहीं मिलता, तो बुज़ुर्ग माता पिता की तो बात ही अलग है।
• मैं समझती हूं, आदमी अगर समय के हिसाब से न चले तो उसे अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
• अधेड़ होने से पहले अगर हर आदमी अपनी अधेड़ावस्था का इंतजाम खुद कर ले तो वह अपनों पर कभी बोझ नहीं बनेगा।
• सबसे पहले अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
• अपनी आर्थिक अवस्था को मज़बूत रखें।
• अपने घर का एक हिस्सा अपने लिए सुरक्षित रखें।
• किसी Senior Citizen का मेम्बर बने।
• अपनी बात अपने मन में दबा कर न रखें
• अपने दोस्तों से लगातार संपर्क बनाए रखें।
• बेटे - बहू की जिंदगी में दखल न दें। आप अपनी जिंदगी जी चुके, उनको उनके तरीके से जीने दें।
• अपने हॉबी को पुनः जागृत करें। डायरी लिखें, पेंटिंग करें।
• अगर आप धार्मिक प्रवृति के हों तो अच्छी किताबें पढ़े, मंत्र जाप करें। ध्यान और योग करें।
बहुत से बुजुर्गों को जीवन में इतनी सुविधाएं नहीं होती है तो वे क्या करें।
• बहुत से ऐसे आश्रम है जहां बुजुर्ग अपनी स्वेच्छा से जा सकते हैं।
• आश्रम या अनाथाश्रम घर नहीं होता, वहां के अपने नियम होते हैं। आप जहां भी रहें खुश रहें।


मैंने बहुत सर्वे किया है बुजुर्गों की समस्याओं को लेकर __
बहुत से बुजुर्ग महिला एवं पुरुष अपने बेटे बहू की बातें अनय लोगों से से करते हैं। वही बातें नमक मिर्च लगाकर जब बेटे बहू के कानों में पड़ते हैं तो रिश्तों में दरार पड़नेलगते हैं।
कुछ बुजुर्गों के ऐसे वर्ग होते हैं जिन्हें सहानुभूति और देखभाल की जरूरत होती है।
• उनसे बात करे। बेटे बहू या परिवार के अन्य सदस्य उनकी उपेक्षा न करे।
• उनकी हाल चाल पूछ लेने से किसी को कुछ घटता नहीं है, अपितु उनसे आशीर्वाद ही मिलते हैं।
• बुजुर्ग माता - पिता के खाने में अधिक टोका- टोकी न करें । अपितु उन्हें प्यार से समझाएं कि कौन सी चीज़ उनके खाने में ठीक रहेगा।
• कहीं जाते समय अपने बुजुर्ग माता-पिता को बताकर जाएं।
• अपने बुजुर्ग माता पिता के लिए  wheelchair, stick जरूर रखें।
• नफरत नहीं प्यार से बुजुर्ग परिवार की देखभाल की जा सकती है।


इस प्रकार  बुजुर्ग परिवार के साथ समय बिताना कितना सुखद होता है।

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