This blog contain Poems, entertainment, cool drinks, Travel destination,Nature and about psychological problems that a teenager faces in today's social setup,others topics like Personality and poetry ect.

रविवार, 10 मार्च 2024

Bohamiian girl (2)

 Bohemian girl (2)



Wounded deer

O Wizard!
My mind is getting impatient
And I'm restless.
The melodious tune of your Devine flute
Drives me away from my physical world.

I can't  decide
Whether to stay, walk or wave away.

O Magician!
Please ! Wait !! My heart is hopping like a mad pigeon.

Look ! Far away in the orchard
The Nightingale is singing for her eternal Love.

O Coldhearted !
Show your glimpse even once....
The morning star is fading....
And I'm waiting impatiently....and
My world is escaping behind.....

(next morning, People saw the unconcious body of a Bohemian girl lying under the vast and neat sky.)

शुक्रवार, 8 मार्च 2024

Talash

 Talash तलाश 

मैं आज भी तुमको ढूंढती हूँ

भीड़ में, सूनी सड़क पर

और गरजते बादलों में।

जगमगाती शहरों में

चलती वाहनों में

और टूटते तारों में।

मुझे आश्चर्य होता है कि__

अब तक तुम  कहाँ हो सकते हो?

बहुत पहले से तुम को पाना चाहती हूँ

चाहे जितना भी समय गुजर जाए

कोई फर्क नहीं पड़ता

बस इतना पता है कि तुम मेरे हो।







wise man

He was useless, 
but wise, 
 he had learned to toss the coin. 
 The name of his coins are ___ 
Rani, Nazima, Daisy, and Lean Chi. 
Now he plays with million dollars 





Long Night

                            Long Night लम्बी रात






 बड़ी लम्बी रात है

आज तो सो लूँ

न जाने कितना लम्बा होगा कल का सफर

बड़ी लम्बी है रात है
उमड़ रही है नदियाँ
अब नींद कहाँ अँखियों में
है घना अंधेरा और तूफानी हवा का शोर

बादलों का घर्षण__और
बिजली की तड़प
काँप रहा है मन
अब तो सो लूँ , कुछ पल में होना है भोर।

न दिख रही क्षितिज 
बादलों का घनापन
कौन दिशा इंगित कर रहा
है कितनी लम्बी रात, और तूफानों का होर

पथिक! खिड़की का पट  खोल
अपने रंघ्रों में भर  ले प्राण वायु
कर नयी दिशा की खोज
देख! प्राची में खुल रहा है नव युग का द्वार।

गुरुवार, 7 मार्च 2024

नारी सशक्तिकरण _एक रहस्य

 




आखिर क्यों नारी सशक्तिकरण एक रहस्य बन कर सामने आया?
__अगर हम पुराणों, उपनिषदों को पलट कर देखें तो नारी को एक शक्ति के रूप में पाया गया है।
__कहते हैं कि ब्रम्हा ने जब आदमी को बनाया, तो आदमी अकेले रहते रहते उदास रहने लगा।जिस उद्देश्य के लिए  उसे बनाया गया था, ब्रम्हा ने देखा उसे कोई उर्जा नहीं मिल रही है अत: आदमी की पसली से एक हड्डी निकाल कर एक औरत बनाया। औरत को पाकर आदमी उर्जावान हो गया।
__अगर पुराणों की बात करें तो शिव को अर्धनारीश्वर कहा गया है। शिव-शक्ति। शिव शक्ति के बिना शव के समान है।इसी प्रकार __
__विष्णु लक्ष्मी के बिना अधूरा है। वे अपनी योगमाया के द्वारा ही संसार का पालन करते हैं। (मिथक)
कालांतर में जैसे जैसे युग बदलता गया। इंसान की सभ्यता बदलती गयी। इंसान बंजारे की तरह पृथ्वी के इस छोर से दूसरे छोर तक विचरण करने लगा।
धीरे-धीरे इंसान का मन बदलने लगा। ब्रम्हा ने जिस औरत को आदमी की ऊर्जा के लिए उसे प्रदान किया था उसने उसपर अपना आधिपत्य जमाने लगा।
___इंसान जब सभ्य बना तो उसने अपने अस्तित्व का विस्तार करने लगा। अपने जमीन का क्षेत्रफल बढ़ाया।
उसे एक घर की आवश्यकता हुई। जब घर बनाया उस घर की शोभा बढ़ाने के लिए उसे औरत की जरूरत हुई।
___अब इसी संदर्भ से आदमी के मन में औरत को अपनी निजी सम्पत्ति के रूप में प्राप्त करने का ख्याल आया। चूंकि औरत आदमी की तरह ही स्वतंत्र थी अतः आदमी को औरत की स्वतंत्रता अच्छी नहीं लगी। उसने तरह तरह के बंधन औरत के लिए बनाए।

___औरत ने भी उस बंधन को सहर्ष स्वीकार कर लिया।

समय बदला , युग बदला। जैसे जैसे सभ्यता आगे बढ़ी इंसान ने अपने जमीन का दायरा बढ़ाकर युद्ध लड़ा। जो युद्ध  में जीता जमीन के साथ ही औरत भी जीत लिया। इसका जीता जागता उदाहरण महाभारतकालीन सभ्यता से है।
इसका विकृत रूप तब और भयावह रूप लिया जब मुगलकालीन सभ्यता आयी। औरत के अस्तित्व का कोई मोल न रहा।
__औरत का मानसिक हनन होती रही। एक समय ऐसा आया जब और अपने भाग्य से समझौता कर ली।
ऐसा नहीं कि औरत की दुर्दशा सिर्फ एक समाज की देन थी। अगर इतिहास को खंगाला जाए तो नारी दुर्दशा की अनेक ज्वलंत उदाहरण मिल जाएगी।
समय बदलता गया। आविष्कार पर आविष्कार होता गया।
___औरत अपने कछुए के खोल से धीरे-धीरे बाहर आने लगी।वह अपने को समाज में एक विशिष्ट रूप में देखने लगी।
___नारी संघर्ष तब और विकराल रूप  धारण किया जब वेब की दुनिया में क्रांति आया।
नारी सशक्तिकरण को लेकर बहुत सारे कानून बने।
जैसे__जैसे आर्थिक,  सामाजिक,  सांस्कृतिक, और राजनैतिक।
___औरत अब उस रहस्य को पहचान गयी है जिस कारण उसकी उत्पत्ति हुई  थी।
___अब वह हर विधा में समर्थ  है।






बुधवार, 6 मार्च 2024

Mawsam मौसम

 सर्द मौसम का अंतिम चरण

नीला स्वच्छ आकाश 

कुछ मिठास तेरे बातों की

साजन! बांध ली तेरे शब्दों की पंखुड़ी

                                      मैंने अपनी पलकों में।

ढलती शाम की तन्हाई 

झर् झर् मर् मर् गिरे पत्ते हौले हौले

मेह भी बरसे रेशम के तार सी

जिसे लोक ली मैंने

                                 अपने जूड़े की जाल में।

वह कौन जादूगर 

अंधेरी रात में विलोप हुआ विद्युत सा

न बादल बरसा

न बिजली कड़की

सागर लरजता रहा रात भर

पटाक्षेप हुआ जब निशा के अंतिम पहर का

                               मैं खोयी थी सपनों के कोलाहल में।

#नीतू

      


Photo:CourtesyofPrinterest

रविवार, 3 मार्च 2024

Invisible net-अदृश्य जाल

               


             

                  Invisible net-अदृश्य जाल 




Invisible net- एक अदृश्य जाल

जब भी प्रकट होता है

हमारे आस-पास 

 एक अजस्र प्रकाश बन कर छा जाता है।

हमारे वजूद पद।


Invisible Net- अदृश्य जाल


Invisible net-अदृश्य जाल 

इसकी कोई परछाई नहीं होती

वह कभी भी, कहीं भी

धरती की धड़कन की तरह

हरित बनकर धरती पर छा जाती है।


Invisible  net- अदृश्य जाल 

सुबह की ठंडक में

या दोपहर की धूप में

शाम की तन्हाई में 

या रात की खामोशी में

जब भी चाहे गाती है।

युगों से, हर उम्र के इंसान के चेतन में 

सोता जागता

 तय करता है।

एक अंजान सफर।

                             Invisible net-अदृश्य जाल 



Invisible net- अदृश्य जाल 

एक पहेली की तरह

कवि -ज्ञानी जिसे बुझते रहते हैं

कौन है? क्या है? 

(प्रेम ही तो है-एक अदृश्य जाल की तरह)











Eclipse,EarthDay

Breastfeeding week

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