This blog contain Poems, entertainment, cool drinks, Travel destination,Nature and about psychological problems that a teenager faces in today's social setup,others topics like Personality and poetry ect.

बुधवार, 31 मार्च 2021

Covid Vaccine

When everybody talks about a subject than your mind compulsively turns towards it.

Nowadays everybody is rushing to take Covid Vaccine.  An obvious  question that arise in my mind whether  this Vaccine guarantees safely against all kind of Viruses or it is meant for Coronavirus Only.

What will happen if a new  Virus which is more dangerous than Covid appears?

In the present  circumstances people are rushing  for Covid Vaccine with such confidence that the primary precaution like wearing of the mask and following  social  distancing have been  conveniently forgotten. 

Experts have repeatedly warned that one has to continue taking these basic precautions because Vaccine is no guarantee for total immunity against this Virus.

Vaccine  at this stage is just another form of Precaution. 
 

मंगलवार, 30 मार्च 2021

Blue Heaven

When the summer's sun heats everywhere
A little home of white clouds tempted somewhere in the naked sky,
Blue  sea stretched far ___to the Horizon
However ____
The sky and the sea have dissolved themselves in a glass of sorbet.

I would like to found myself in such a tropical dream Island.

Summer drinks

 Lemons drinks is a good option  for summer drinks.Full of vitamins c.

7 ways of body Benefits. 

1.Hydration

2 . Good source of vitamins  C

3.Antioxidant

4 . Keep skin healthy 

5. Good for digest system 

6. Frenshens breath and stimulate saliva

7. Moreover  it is a friendly  drinks for coronavirus. If take it every day with warm water.

Life is very simple if you take everything in single way.

There is a saying____

" it is very difficult  to be simple" .

But lemon drinks  is very simple drink. Try it. And enjoy a good summer. 


सोमवार, 29 मार्च 2021

every morning

Every morning/ हर सुबह 




'Every morning 🌄 हर सुबह....!
हवा में एक खुशबू आती है...!
ताज़े फूलों की...!
जो मेरे रंघ्रों से गुज़र कर...!
मेरे वजूद पर छा जाती है...‍!.

जब मैं हँसती हूँ...
मुस्काती हूँ सूर्यकिरणों के संग
तब-
अपनी राह भूल कर
तितलियों भी उड़्ती है...!
मेरे आसपास....!!





भँवरे ठिठक कर रूक जाते हैं...!
गुनगुनाते हैं....
रसीले गान...शहद में डूबे...!
लेकिन-
उसके हाव-भाव से
आती है सौदे की बू...!!

होती है शाम...!
लेकिन हवा में वह खूशबू नहीं होती...!
क्योंकि-
भँवरे और कुछ जंगली फूलों के-
होते हैं हवा में षड्यंत्र...!!


Every morning हर सुबह 
एक लम्बा वक्त तय कर....!
मुझे होती है प्रतीक्षा....!
एक नयी सुबह की...!!.

Every morning हर सुबह
बदल जाती है
मेरी प्रतीक्षा कभी-
एक अंतहीन पीड़ा में-
निहारती है मेरी आँखें...
एक क्षितिज, झिलमिल 

Every morning हर सुबह
मेरे कदम चल पड़ते हैं...!
एक अंजान सफ़र की ओर...!
उस खूशबू की खोज में...
निरंतर
जो हर पल दूर हटती जाती है मुझसे-
__कुंती.

मंगलवार, 16 मार्च 2021

रास्ते झिलमिलाते हुए

जीवन  में  कुछ  रास्ते  बहुत  लम्बे  होते  हैं। कुछ  रास्ते  आंकड़ों से  अपने पड़े होते हैं। 
कुछ  राहें छोटी होती है  मगर फूलों  का एहसास  देती है।
हालांकि  जिंदगी  फूलों  की  सेज  नहीं। 

ऐ मुसाफिर!
वसंत  के पहले दिन  से  मेरा जो सफ़र शुरू हुआ  था __
बैसाखी  के  आने  से  पहले  ही खत्म  हो गया। 
रह गया है दोपहर में  तपती लू और दोपहर का सन्नाटा। 

नज़रों  से दूर झिलमिलाता  है एक क्षितिज 
यादों  का जीना परदा जो मंज़िल  का एहसास  तो  देता है  पर________
वह कदापि  मंज़िल  नहीं  होती।

my first attraction about opposites sex

   My first atttraction  about opposites  sex 

जिस प्रकार घड़ी की सूई पल पल आगे बढ़ती जाती है उसी प्रकार मेरे मन  का भाव भी बढ़ता जाता था, तब मैं  मुश्किल  से ग्यारह  साल की रही होगी। मेरी आवारा और भोली कल्पना एक  दिन उड़ान भरते हुए  मेरे स्कूल टीचर  पर जाकर ठहर गयी।




विपरित लिंग के प्रति यह मेरा पहला आकर्षण था। 

मैं उनके हाव भाव और क्रियाकलापों को बड़े ध्यान  से देखती थी। वे मुझे  बहुत अच्छे लगते थे।
        उन्हीं  दिनों मेरी बड़ी बहन की शादी की बात चल रही थी। मेरे पिता ने  दो लड़कों  के प्रस्ताव को रद्द  कर दिया था जबकि मेरी बहन  ने  तीसरे लड़के को  नकार दी थी।
          मेरे मन में  बहुत अबोध विचार आते जाते मगर मैं  किसी से कुछ  कहने की हिम्मत नहीं करती थी।
          उस दिन तो मैं  टीचर पर मर ही मिटी थी जब हमारे  स्कूल  में   annual Function हुआ था। टीचर ने हम सब स्टूडेंट को साथ  लेकर बहुत  ही शानदार प्रोग्राम प्रस्तुत किया था। पूरे स्कूल  के  स्टाफ़ और बच्चों  के पेरेंट्स ने टीचर को खूब बधाई  दी थीं । 
मैं  भी स्कूल  के लॉन से एक गुलाब  के फूल तोड़ कर टीचर  को देते हुए  उन्हें  बधाई  दी थी। हालांकि माली फूल तोड़ने की शिकायत हैडमास्टर से की थी, मगर उस वक्त मुझे  किसी बात की परवाह नहीं  थी।
मेरे सामने तो सिर्फ  टीचर का चमकता हुआ  चेहरा था। 

             उसी दिन  से मैंने मन ही मन संकल्प कर लिया  था  कि अगर मेरी  बहन की शादी होगी तो सिर्फ़ मेरे टीचर से ही होगी।
              इस बात को  लेकर  मेरे अबोध  मन में  कितना  स्वार्थ था। मैं  कुछ  कह नहीं  सकती थी मगर शादी की बात  अपनी माँ  से कहने से पहले ही मानो किसी ने मन भर पिघला हुआ बर्फ़ मेरे ऊपर डाल दी हो। 
                हुआ यों  कि उस दिन प्रोग्राम के बाद टीचर  हमारे गाँव  ही में  एक रिश्तेदार के यहां ठहर गये।दूसरे दिन मैं ने सुना कि टीचर एक लड़की को देखने गये हैं। 
                  मेरी कल्पना का रंग  तब धूमिल हुआ जब टीचर के रिश्तेदार  से पता चला कि टीचर ने मेरे ही गाँव की एक लड़की  पसंद कर ली है  और अगली छुट्टी  मिलते ही दोनों  की शादी हो जायगी।
                   जाने क्यों  दूसरी लड़की  की बात सुनते  ही मेरे मन से टीचर  का मोह उतर गया। सूई की घड़ी  का वेग तो नहीं  बदला मगर मैं बचपन  छोड़ कर यौवन की  दहलिज़ पर कदम रख चुकी थी।

     Photo Credit:Google   

Eclipse,EarthDay

Breastfeeding week

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